मणिपुर में भले ही जातीय हिंसा के साढ़े चार महीने बाद सरकार ने इंटरनेट से बैन हटा ली हो, लेकिन वहां पर चुनौतियां खत्म नहीं हुई हैं। उपद्रवियों के हाथ में अभी पुलिस थानों और ट्रेनिंग सेंटरों से लूटे गए 3000 हथियार समेत गोला बारूद मौजूद है। उनमें एके-47 के साथ दूसरे तरह के घातक हथियार शामिल हैं। अब मणिपुर सरकार और सुरक्षा बलों के सामने एक नई चुनौती खड़ी हो गई है। वह यह कि उपद्रवियों द्वारा सुरक्षा बलों जैसी वर्दी से साथ गाड़ियां इस्तेमाल करना है। राज्य में एक उपद्रवी समूह के पास असम राइफल जैसी गाड़ियां देखी जा रही हैं। हमले के दौरान उपद्रवी, किसी ना किसी बल की वर्दी में नजर आते हैं। वही, लूटे गए हथियार वापस जमा कराने के लिए अब मणिपुर सरकार ने दोबारा अपील की है। जिसमें लोगों को दो सप्ताह का समय दिया गया है। इसके बाद जिस किसी व्यक्ति के पास अवैध हथियार मिलेगा, उसके साथ गंभीरता से निपटे जाने की बात कहीं है।। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि अगर अवैध हथियारों 15 दिनों के भीतर जमा करा दिया जाता है, तो उनके खिलाफ दर्ज मामलों पर भी विचार किया जाएगा।