अल्पसंख्यक मसले पर काम करने वाले समाजसेवी सह नेता एस अली ने कहा कि सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंडी अभ्यर्थियों के साथ ज्यादती कर रही है। पहले सहायक शिक्षक के पद को गलत तरीके से सहायक आचार्य बनाकर ग्रेड पे घटाया। फिर विज्ञापन जारी करवा दिया। ये बातें बतौर मुख्य अतिथि समाजसेवी सह नेता एस अली ने रविवार को अंजुमन प्लाजा (रांची) काॅफ्रेंस हाॅल में आयोजित बैठक में कही। दरअसल बिहार सरकार द्वारा वर्ष 1999 में सृजित 4401 उर्दू शिक्षक के रिक्त 3712 पदों के विरुद्ध उर्दू टेट पास अभ्यर्थियों की तीन गुना कम संख्या को देखते हुए सीधी बहाली की मांग के मद्देनजर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए उर्दू टेट अभ्यर्थियों ने बैठक की। जिसमें उर्दू टेट पास अभ्यर्थियों की समस्याओं पर चर्चा हुई।
एस अली ने कहा कि अब शिक्षा विभाग उर्दू सहायक शिक्षक के पद को सहायक आचार्य बनाने के लिए नियमावली अधिसूचित किया है, जो कही से भी न्याय संगत नहीं है। सरकार को जानकारी होनी चाहिए कि सहायक शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2012 के आधार पर राज्य में कक्षा 1 से 5 एवं 6 से 8 के लिए लगभग 800 उर्दू टेट उत्तीर्ण है। जबकि उर्दू शिक्षक के रिक्त पदों कि संख्या 3712 है, जो अभ्यर्थियों की संख्या से लगभग तीन गुना अधिक है। ऐसी स्थिति में अभ्यर्थियों की सीधी नियुक्ति किया जाना न्यायसंगत होगा। परंतु ऐसा नहीं कर 3712 उर्दू सहायक शिक्षक पदों को प्रत्यार्पित कर दुगुना 7232 पद उर्दू सहायक आचार्य के नाम से किया जा रहा। जिसमें ग्रेड पे 4200 से घटाकर 2400 से 2800 के बीच कर दिया जाएगा। यही नहीं आचार्य शब्द रहने से उर्दू शिक्षक नाम का पहचान भी समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही नये पद में 36 प्रतिशत यानी लगभग 2700 पद एसटी एससी के लिए आरक्षित होगें।
उन्होंने कहा कि 4401 उर्दू शिक्षक पद के लिए चार बार निकले विज्ञापन में एसटी एससी आरक्षित 1559 पद में एक भी आवेदन प्राप्त नहीं हुई। जिस से पिछड़ा और सामान्य वर्ग के लिए विलोपित करने की मांग गयी थी। शिक्षा विभाग के गलत नीतियों के विरोध में विभन्न जिलों में आंदोलन हुए है। जो आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि एक सप्ताह के अंदर उर्दू टेट अभ्यर्थियों की कम संख्या को देखते हुए 3712 उर्दू शिक्षक के पदों को कक्षा 1 से 5 एवं 6 से 8 में बांटकर 4200 ग्रेड पे में नियमावली बनाकर सीधी बाहली करें। अन्यथा मजबूर होकर अपने हक व अधिकार के लिएआंदोलन किया जाएगा। बैठक में जावेद रियाज, इरशाद इमाम, फिरोज अंसारी, नुर आलम, इरफान आलम, नौशाद अख्तर, फरीदा गुलशन, जबर अब्बास, अफरोज अंसारी, इम्तियाज अहमद, अरशद हुसैन, शमीम अहमद, हिफजुर्रहमान ,जीनत तबस्सुम समेत अन्य ने भी अपने विचारों को रखा।