देश के कुछ हिस्सों में आदिवासी समूहों को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के दायरे से बाहर रखने पर विचार किया जा सकता है। सांसद सुशील मोदी ने अपनी अध्यक्षता वाली कानून व न्याय संबंधित संसदीय समिति की बैठक में यह विचार रखा। बैठक में विभिन्न दलों के 17 सांसद, विधि आयोग के सदस्य शामिल हुए थे। सबकी राय के आधार पर रिपोर्ट तैयार होगी, जिसे संसद में पेश किया जाएगा। विधि आयोग ने बताया कि अब तक यूसीसी पर 19 लाख सुझाव मिल चुके हैं। अंतिम तिथि 13 जुलाई तक यह संख्या लगभग 25 लाख तक पहुंच जाने की उम्मीद है। सुशील मोदी ने अपने सुझाव में पूर्वोत्तर समेत अन्य आदिवासी क्षेत्रों को प्रस्तावित यूसीसी के दायरे से अलग रखने की बात करते हुए कहा कि सभी कानूनों में अपवाद होते हैं। देश में पहले से भी कई कानून हैं, जिनमें उन्हें कुछ रियायत मिली हुई है। कई कानून ऐसे भी हैं, जिनमें पूर्वोत्तर राज्यों में की सहमति के बिना वहां लागू नहीं होते है। बैठक में तृणमूल कांग्रेस के सदस्य नहीं पहुंचे। वही कांग्रेस और डीएमके समेत विपक्ष के कुछ सदस्यों ने प्रस्तावित यूसीसी को चुनावी फायदे के लिए बताया। उन्होंने कहा कि विवादित विषयों पर विमर्श का अभी यह उचित समय नहीं है।