सर्वोच्च न्यायालय ने एक बच्ची के संरक्षण को लेकर चल रही लड़ाई का संज्ञान लेते हुए उड़ीसा उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी है। जिसमें गोद लेने वाले माता-पिता को उसके जैविक पिता को बच्ची सौंपने का निर्देश दिया गया था। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अवकाशकालीन पीठ ने अपने आदेश में कहा कि उच्च न्यायालय के उस निर्देश पर अंतरिम रोक रहेगी जिसमें याचिकाकर्ताओं को अगले आदेश तक नाबालिग बच्ची की हिरासत प्रतिवादी नंबर दो (जैविक माता पिता) को सौंपने का निर्देश दिया गया है।
शीर्ष अदालत बच्ची को गोद लेने वाले माता-पिता की अपील पर सुनवाई कर रही थी। वहीं, उड़ीसा उच्च न्यायालय के तीन अप्रैल वाले उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें बच्ची को उसके जैविक माता-पिता को सौंपने के लिए कहा गया था।
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