विपक्षी सांसदों ने बीते दिन मणिपुर में राहत शिविरों का दौरा किया। इसके साथ ही सांसदों ने लोगों से उनकी तकलीफों के बारे में जाना। मणिपुर के दो दिवसीय दौरा कर ‘इंडिया’ गठबंधन के सांसद वापस दिल्ली लौट आए हैं। सांसदों ने आज राज्यपाल से मुलाकात कर राज्य के लोगों की समस्याओं से अवगत कराते हुए एक ज्ञापन सौंपा। मणिपुर से लौटने के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही मणिपुर के लिए कोई बड़ा कदम नहीं उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि लोगों के घरों में खाना और दवाइयां नहीं हैं, बच्चों के पास पढ़ने के लिए कोई सुविधा नहीं है। अधीर रंजन ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने अपनी आंखें बंद कर ली हैं और लोगों को अकेला छोड़ दिया है।
मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात के बाद इंडिया गठबंधन के प्रतिनिधिमंडल ने मीडिया को संबोधित किया। अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि सभी 21 सांसदों ने राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने बताया कि जब हमने राज्यपाल से बात की तो उन्होंने खुद अपना दर्द और दुख व्यक्त किया। इस दो दिवसीय यात्रा के दौरान हमने जो कुछ भी देखा, वह भी हमारी बात से सहमत हुईं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि हम सभी समुदायों के नेताओं के साथ मिलकर बातचीत करें और समाधान निकालें। इसके साथ ही विपक्ष और सत्तारूढ़ दल दोनों को मिलकर एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर भेजना चाहिए। साथ ही वहां के लोगों से इस समस्या पर बातचीत भी करनी चाहिए।
केंद्र ने मणिपुर को किया नजरअंदाज
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि केंद्र ने मणिपुर को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने कहा कि चूंकि राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने इसे नजरअंदाज किया है, इसलिए स्थिति बिगड़ रही है। जल्द से जल्द शांति बहाल होनी चाहिए। कांग्रेस सांसद फूलोदेवी नेताम ने कहा कि राहत शिविरों का दौरा कर पता चला कि एक हॉल में 400-500 लोग रह रहे हैं। राज्य सरकार उन्हें केवल दाल-चावल मुहैया करा रही है, बच्चों को पूरे दिन खाने के लिए और कुछ नहीं मिल रहा है। शौचालय या बाथरूम की भी कोई सुविधा नहीं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोग शिविरों में रह रहे हैं वह बहुत हृदय विदारक है।
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