पीएम मोदी ने कहा कि आज के युग में दुनिया परस्पर जुड़ी हुई है। एक दूसरे पर पहले से कहीं अधिक निर्भर है। मजबूत आपूर्ति व्यवस्था बनाने के लिए आपूर्ति में विविधता लाये जाने की जरूरत है। विश्व में भारत की स्थिति और कद को देखते हुए उसकी भूमिका व्यापक होनी चाहिए। ये बातें मोदी ने अमेरिका और मिस्र की यात्रा पर रवाना होने से पहले दिये साक्षात्कार में कहा। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत के नेताओं के बीच परस्पर भरोसा बढ़ा है। दोनों देशों के संबंध मजबूत हुए हैं। भारत किसी को उसके स्थान से हटाना नहीं चाहता है। हम चाहते हैं कि भारत को दुनिया में उचित स्थान मिले। भारत की भूमिका बड़ी होने के साथ व्यापक होनी चाहिए।
पीएम ने चीन के साथ संबंधों को सामान्य बनाये जाने को लेकर कहा कि सीमा पर शांति के साथ मैत्री का माहौल जरूरी है। हमारा मजबूती से मानना है कि नियमों का पालन होना चाहिए। मतभेद और विवादों का शांतिपूर्ण समाधान हो । उन्होंने जोर देते हुये कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और सम्मान की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सभी देशों को अंतर्राष्ट्रीय कानूनों और देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए। विवादों का समाधान कूटनीति और संवाद से होना चाहिए। भारत की प्राथमिकता शांति ही है। उन्होंन कहा मैं आजाद भारत में जन्म लेने वाला देश का पहला प्रधानमंत्री हूं। इसीलिए मेरे विचार , व्यवहार , मैं क्या कहता हूं , क्या करता हूं वे मेरे देश की परंपराओं से प्रभावित हो के साथ प्रेरित हैं । मुझे इससे ताकत मिलती है। मैं दुनिया के समक्ष अपने देश को वैसा ही पेश करता हूं जैसा मेरा देश है। साथ ही अपने आप को भी वैसे ही पेश करता हूं जैसा मैं हूं।