सीआईडी ने पांच करोड़ की ठगी करने वाले साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया हैं। सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर साइबर सेल की टीम ने यह कार्रवाई की।
अपराध अनुसंधान विभाग (झारखंड) ने क्रिप्टोकरेंसी में इंवेस्ट करने के नाम पर ठगी करने वाले को दिल्ली के विकासपुरी स्थित शंकर गार्डन निवासी अमित जायसवाल को गिरफ्तार किया। इस मामले में अबतक एक की गिरफ्तारी हुई है। यह जानकारी सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बुधवार को प्रेस वार्ता में पत्रकारों को दी।
उन्होंने बताया कि झारखंड के रांची, बोकारो और जमशेदपुर समेत अन्य जिलों से अमित जायसवाल ने अबतक 200 लोगों से लगभग 5 करोड़ रुपये की ठगी कर चुका है। शिकायतकर्ता के अनुसार पहले गोल्ड बॉन्ड के माध्यम से आरोपी शशि शंकर कुमार उर्फ विक्की ने लाभ दिलाया। जिससे उन्हें विश्वास हो गया। इसके बाद शशि और उसके एक मित्र अमित जायसवाल ने शिकायतकर्ता से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर अधिक पैसे कमाने को कहा। जिसकी लालच में आकर शिकायतकर्ता ने निवेश किया।
साइबर सेल थाना में नवंबर को हुआ था मामला दर्ज…..
शिकायतकर्ता ने यह मामला नवंबर 2023 में साइबर सेल थाना में दर्ज कराया था। उसने लिखित शिकायत में कहा था कि गोल्ड बॉन्ड के माध्यम से आरोपी शशि शंकर कुमार उर्फ विक्की ने मौद्रिक लाभ पहुंचाया। जिसके बाद आरोपी पर विश्वास करने लगे थे। इस दौरान शशि शंकर और उसके दोस्त अमित जायसवाल ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर अधिक पैसे कमाने की बात कहीं थी। अधिकारिक वेबसाइट ओरोपे के माध्यम से अमित जायसवाल ने लोगों को कम समय में अधिक पैसे कमाने का लालच देता था। जिसके बाद फर्जी वेबसाईट www.oropay.io को एक दिन अचानक बंद कर दिया गया। वहीं, इस तरह के अन्य वेबसाईट (blockpay.pw) से साइबर अपराधी ठगी करते रहे।
शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि कमीशन के पैसे से वह तीन बार दुबई और एक बार रूस की यात्रा कर चुका हैं। साइबर अपराधी ने एआई तकनीक के माध्यम से डाटा माइनिंग कर निवेशकों को उनके राशि के अनुरूप ट्रेडर पैक और प्रो ट्रेडर पैक के माध्यम से प्रतिदिन 0.6 प्रतिशत से लेकर 1.2 प्रतिशत तक लाभ कराते हुये 300 प्रतिशत तक रिटर्न का आश्वासन दिया था। इसके झांसे में आकर लोगों ने अधिक से अधिक पैसे निवेश करने लगे। शुरुआती दौर में निवेशकों से किये वादों के अनुसार निवेश पर 300 प्रतिशत तक मुनाफा वापस किया गया। जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा। साथ ही वे अपने साथ अन्य लोगों को भी निवेश करने के लिए प्रेरित करने लगे। जिसके बाद लोगों के बढ़ते निवेश को देखते हुए अभियुक्तों ने फर्जी वेबसाइट को एक दिन अचानक बंद कर दिया। इससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
ग्लैमर सपनों ने लोगों का विश्वास बढ़ाया
झारखंड के कई शहरों में बड़े-बड़े होटलों में कार्यक्रम आयोजन कर लोगों को फंसाया जाता था। इस दौरान लोगों को ओरोपे और इससे होने वाले लाभ के बारे में जानकारी दी जाती थी। यह व्यवस्था इतनी चकाचौंध होती थी कि लोगों का विश्वास सहज ही बन जाता था। कार्यक्रम के दौरान मुफ्त भोजन और जलपान उपलब्ध कराया जाता था। इस पूरे व्यवस्था को आरोपी शशि शंकर और अमित जायसवाल समेत अन्य सहयोगी संभालते थे। इसके पीछे निवेशकों को जाल में फंसाना होता था।
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