मुख्यमंत्री के तौर पर कल्पना सोरेन के लिए राह आसान नहीं है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन के नाम पर जेएमएम और कांग्रेस के नेता तो तैयार हैं, लेकिन उनके परिवार में अबतक उनके (कल्पना) के नामों पर सहमति नहीं बन पाई है। सोरेन परिवार में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा उनकी भाभी सीता सोरेन, भाई बसंत सोरेन और पिता शिबू सोरेन राजनीति में सक्रिय हैं। जेएमएम पार्टी की टिकट से खुद सीता सोरेन और बसंत सोरेन विधायक भी हैं। ऐसे में कल्पना सोरेन के नाम पर इन दोनों को तैयार करना आसान नहीं होगा। दरअसल बिहार में लालू यादव का उदाहरण से इसे जोड़कर देखा जा सकता है। जिसके आधार पर झारखंड में राजनीति और उल्टफेर पर जोड़ घटाव किया जा रहा है।
कल्पना सोरेन को सत्ता सौंपने की रणनीति की मुख्य वजह भविष्य में पावर ट्रांसफर की सोच पर किया जा रहा है। जिससे विपरित परिस्थिती में भी सियासत को आसानी के साथ चलाया जा सके। इन्ही सब वजहों से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी को कुर्सी देना चाहेंगे। वही, हेमंत सरकार संख्या बल के आधार पर मजबूत है। झारखंड विधानसभा में 80 विधायक हैं। सरकार बनाने के लिए 41 विधायकों की जरूरत होती है। जेएमएम 28, कांग्रेस के 16 विधायक और आरजेडी और माले के 1-1 विधायक का भी समर्थन प्राप्त है। हालांकि राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। संभावनाओं की इस खेल में सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष हर विकल्प को तलाश रहा है।
झारखंड में सोरेन परिवार का राजनीतिक में दखल
शिबू सोरेन…………………………. रूपी सोरेन
(सांसद) (ग्रहणी)
दुर्गा सोरेन हेमंत सोरेन बसंत सोरेन
(दिवंगत) (सीएम) (विधायक)
सीता सोरेन कल्पना सोरेन हेमलता सोरेन
(विधायक) (ग्रहणी सह बिजनेसमैन)