झारखंड हाई कोर्ट में गुरुवार को जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत में हेमंत सोरेन द्वारा ईडी अधिकारी के खिलाफ एससी एसटी थाना में दर्ज प्राथमिक को निरस्त करने की मांग को लेकर ईडी अधिकारी के द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन के अधिवक्ता ने जवाब दायर करने को लेकर एक सप्ताह का समय मांगा। अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए उन्हें एक सप्ताह का समय दिया। मामले की अगली सुनवाई होली अवकाश बाद होगी।
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी की अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि हाई कोर्ट के किसी भी प्रकार की पीड़क कार्रवाई नहीं करने के आदेश के बाद भी ईडी अधिकारी को नोटिस जारी किया गया है। यह गलत है। इस तरह से नोटिस जारी नहीं किया जा सकता है। इसी नोटिस को हस्तक्षेप याचिका दायर कर चुनौती दी है। हेमंत सोरेन की ओर अधिवक्ता ने अदालत से इसी हस्तक्षेप याचिका के जवाब के लिए समय की मांग की है। ईडी के अधिवक्ता ने अदालत द्वारा पूर्व में दिए गए अंतरिम राहत को अगले आदेश तक बढ़ाने का आग्रह किया। अदालत में उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए अंतरिम राहत को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया। बता दें कि पूर्व में झारखंड हाई कोर्ट ने ईडी अधिकारी को अंतरिम विधायक देते हुए अधिकारी पर किसी भी प्रकार की पीड़क करवाई नहीं करने का आदेश दिया था। हेमंत सोरेन ने रांची के एससी-एसटी थाने में ईडी के अधिकारी कपिल राज, देवव्रत झा, अनुपम कुमार, अमन पटेल समेत अन्य अज्ञात के विरुद्ध 31 जनवरी को एससी-एसटी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
एससी एसटी थाना : पीड़क कार्रवाई पर रोक के बाद भी अधिकारी को जारी किया नोटिस, ईडी ने हस्तक्षेप याचिका दायर कर दी चुनौती……
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