नगर आयुक्त को वर्चुअल रूप से कोर्ट के समक्ष अगली सुनवाई में उपस्थित रहने का दिया निर्देश, सुनवाई 12 सितंबर को निर्धारित
झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा एवं आनंद सेन की खंडपीठ में राजधानी रांची के जलस्रोतों के अतिक्रमण एवं शहर के बड़ा तालाब की साफ-सफाई को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने राज्य सरकार और नगर निगम को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि कांके डैम, धुर्वा डैम, गेतलसूद डैम, हिनू नदी समेत अन्य जलस्रोतों के आसपास यदि कोई अतिक्रमण है,तो उसे तत्काल हटाया जाए। इसके अलावा इन जलस्रोतों में ठोस और गीला कचरा जाने से रोकने की भी समुचित व्यवस्था की जाए। अदालत ने मामले में राज्य सरकार एवं रांची नगर निगम को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया है। साथ ही अगली सुनवाई में नगर आयुक्त को वर्चुअल रूप से कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई की तारीख 12 सितंबर निर्धारित की है। मामले में राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता ने पैरवी की। सुनवाई के दौरान रांची नगर निगम की ओर से बताया गया कि नगर निगम क्षेत्र में आने वाले वाटर बॉडी के आसपास अतिक्रमण हटाने को लेकर कई पहल की गई है। साथ ही इन वाटर बॉडी में किसी तरह का गंदगी ना जाए इसे लेकर पंपलेट बांटकर, विज्ञापन के माध्यम से लोगों को जागरूक भी किया गया है। बड़ा तालाब में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का सिविल वर्क करीब 65 फीसदी हो चुका है। मैकेनिकल कार्य भी करीब 35 फीसदी कार्य हो चुका है।
जानकारी हो कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को तीन माह का समय राजधानी के जल स्रोतों जैसे कांके डैम, धुर्वा डैम, गेतलसूद डैम, हिनू नदी के अलावा बड़ा तालाब के आसपास से अतिक्रमण हटाने को कहा था, अतिक्रमण नहीं हटने पर कोर्ट ने कड़ा आदेश पारित करने की बात भी कही थी। दरअसल, प्रार्थी खुशबू कटारुका ने रांची के बड़ा तालाब की साफ-सफाई को लेकर जनहित याचिका दाखिल की है, वही रांची के जल स्रोतों यथा कांके डैम, धुर्वा डैम एवं गेतलसूद डैम की जमीन अतिक्रमण किए जाने मामले में भी कोर्ट ने स्वत संज्ञान लिया था।