झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को रिम्स में ट्यूटर के पद को तीन साल की समय सीमा निर्धारित करने को लेकर रेखा शर्मा एवं अन्य की ओर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। मामले की सुनवाई जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में हुई। याचिका में कहा गया है रिम्स में उनकी नियुक्ति ट्यूटर पद पर हुई थी। उस समय ट्यूटर पद के लिए कोई समय सीमा नहीं थी। बाद में रिम्स ने नियम बनाकर ट्यूटर पद के लिए तीन साल की अवधि निर्धारित की। प्रार्थी का कहना था कि जिस विज्ञापन से उनकी नियुक्ति हुई है उसमें ट्यूटर पद के लिए समय सीमा निर्धारित नहीं थी।
ट्विटर पद को लेकर अन्य दो याचिकाओं को हाईकोर्ट ने किया अलग
रिम्स में ट्यूटर के पोस्ट को तीन साल की अवधि निर्धारित करने के खिलाफ दायर डॉ. धर्मेंद्र सिन्हा एवं अन्य एवं डॉ. विशाल कुमार की याचिका को कोर्ट ने रेखा शर्मा एवं अन्य की याचिका से अलग करते हुए उसकी अलग से सुनवाई करने का निर्देश दिया है। इस मामले में कोर्ट ने पिछली सुनवाई में डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया एवं झारखंड डेंटल काउंसिल को नोटिस जारी किया था। प्रार्थी के वकील ने कोर्ट को बताया गया कि रिम्स का कानून कहता है कि जिस विभाग में देश में काउंसिल होता है वहां ट्यूटर के पोस्ट की समय सीमा निर्धारित नहीं रहती है। फिर रिम्स में कैसे ट्यूटर पद के लिए तीन साल की समय सीमा निर्धारित किया गया है। डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने कभी भी ट्यूटर पोस्ट को निर्धारित समय सीमा वाला पद नहीं दर्शाया है। ऐसे में रिम्स द्वारा ट्यूटर पद को तीन साल के लिए निर्धारित किया जाना गलत है।
हाईकोर्ट : रिम्स में ट्यूटर पर नियुक्ति मामले में अपना फैसला रखा सुरक्षित, दो याचिकाओं की अलग से होगी सुनवाई
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