झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में सोमवार को गरीबों की गाड़ी कमाई लेकर चंपत हुए चितफंड कंपनियां के निवेशकों की राशि वापसी की मांग को लेकर नॉन बैंकिंग अभिरक्षा सुरक्षा समिति नामक संस्था द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने राज्य सरकार के अधिवक्ता से यह जानना चाहा कि सरकार ने हाईकोर्ट के निर्देश के आलोक में वन मैन कमिशन पर क्या कुछ निर्णय लिया है। सही जवाब नहीं देने पर पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। अदालत ने कहा कि अगर राज्य सरकार निर्णय नहीं लेती है तो कोर्ट खुद निर्णय लेगी। अदालत ने मौखिक रूप से सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस आर भानुमति की कमेटी पर राज्य सरकार के निर्णय से उन्हें अवगत करवाने का निर्देश दिया है। अदालत ने इसके लिए राज्य सरकार को तीन सप्ताह का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी।
पूर्व में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अदालत को अवगत कराया गया था कि सीआईडी के आईजी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी की गठन की गई है। यह कमेटी निवेशकों को चिन्हित कर पैसा वापसी करेगा। राज्य सरकार के इस जवाब को अदालत ने खारिज करते हुए वन मैन कमेटी बनाने का निर्देश पर निर्णय लेने को कहा था। लेकिन सरकार के द्वारा अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। राज्य में कई चिट फंड कंपनियों के द्वारा गरीबों को प्रलोभन देकर उसकी उसकी मेहनत की गाढ़ी कमाई लेकर चंपत हो गया था। हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को दिया था। उसके बाद सीबीआई की जांच हुई। ईडी और सीबीआई ने कई कंपनियों के संपत्ति को जब्त किया गया। लेकिन निवेशकों को अब तक राशि लौटाई नहीं जा सकी है।
निवेशकों की राशि वापसी के जवाब पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, राज्य सरकार जल्द ले निर्णय नहीं तो कोर्ट लेगी निर्णय
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