एनएचएम कर्मी के साथ वादा खिलाफी हुआ हैं। दरअसल स्वास्थ्य मंत्री ने अनुमोदन किया था। जिसमें 42 दिनों के हड़ताल पर हुये समझौते पर सेंधमारी कर दी गयी हैं। विभाग के उपसचिव ने 8 मई 2023 से सभी कर्मियों के मानदेय में 15 प्रतिशत तक बढ़ोतरी कर दी थी। जिसका पांच माह तक तो भुगतान समझौते के तहत किया गया। लेकिन तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव के एक मौखिक आदेश के बाद वृद्धि की हुई राशि में कटौती कर दी गयी हैं। इसको देखते हुये वित्तीय वर्ष 23- 24 से मानदेय में जोड़कर बकाया के साथ भुगतान किया जाना चाहिए। यह बातें झारखंड राज्य एनआरएचएम एएनएम जीएनएम अनुबंध कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल ने कहीं।
दरअसल इस फरियाद समेत अन्य मांगों को लेकर बुधवार को संघ का एक प्रतिनिधिमंडल झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संघ की महासचिव बीना सिंह ने की।
कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश से मुलाकात करने के बाद उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एनएचएम कर्मी अपनी नौ सूत्री मांगों को लेकर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष से मिले हैं। सरकार के संविदा कर्मियों से वादा खिलाफी के बारे में उन्हें विस्तार से अवगत कराया हैं। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों ने संघ से जुड़े नौ सूत्री मांगों पर भी चर्चा की। जिसपर हमें आश्वासन मिला हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार गठन के पूर्व जो घोषणा पत्र में शामिल किया गया था, उसे अबतक पूरा नहीं किया जा सका हैं। सरकार बनते ही सभी अनुबंध कर्मियों को समायोजित और निमित्तिकरण करने का वादा किया गया था। इन मांगों पर ना तो विचार और ना नहीं चर्चा हो रही हैं। झारखंड राज्य अंतर्गत एनचएम अनुबंध व संविदा के आधार पर कार्यरत कर्मियों का समायोजन, नियमितीकरण और प्रक्रिया पूर्ण होने तक अनुबंध 60 वर्ष करते हुये सेवा विस्तार किया जाये।
उन्होंने कहा कि पूर्व में एचएम कर्मियों को जिस तरीके से वर्ष 2014 तक 10 प्रतिशत तक मानदेय वृद्धि प्रत्येक वर्ष की जाती थी, ठीक उसी आधार पर वर्तमान में भी एनएचएम कर्मियों को प्रत्येक वर्ष मानदेय में 10 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ोतरी किया जाना चाहिए। इसके साथ ही सभी एनएचएम कर्मियों को ग्रुप बीमा, ईएसआईसी,आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराई जानी चाहिए। देखिए हम (स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एनएचएम कर्मी) विकट परिस्थिती में भी लोगों की सेवा करते हैं। यह नौ सूत्री मांगे हमारी लिए बेसिक हैं।
उन्होंने मुख्य सचिव झारखंड सरकार के पत्र के आलोक में कहा कि झारखंड राज्य अंतर्गत सभी अनुबंध कर्मियों के पीएफ कटौती की जानी थी। जिसे अबतक लागू नहीं किया गया हैं। एनएचएम संविदा कर्मियों की कार्य अवधि के दौरान मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी समेत तमाम मुद्दों पर बातचीत हुई हैं। जिस पर आश्वासन मिला हैं। प्रतिनिधिमंडल में बीणा सिंह, आनंद कुमार, अभिषेक देव, फैजल, सौरभ आनंद समेत अन्य शामिल थे।