सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में बनी है राज्यस्तरीय मेरिट लिस्ट
झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में नियोजन नीति के तहत शिक्षक नियुक्ति को लेकर दाखिल कई याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी राज्यस्तरीय मेरिट लिस्ट पेश करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया। मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी। इस संबंध में नजराना शकील सहित अन्य की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार व अपराजिता भारद्वाज ने अदालत को बताया कि यह मामला सोनी कुमारी से संबंधित है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि सभी विषयों में अंतिम कट आफ अंक के आधार पर सरकार को राज्यस्तरीय मेरिट लिस्ट बनानी थी। कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले सभी लोगों की नियुक्ति पहले की जानी थी। इसके बाद शिक्षकों के 75 प्रतिशत पद पर सीधे तौर पर नियुक्ति की जानी थी। सबसे अंत में 25 प्रतिशत पद प्रोन्नति से भरे जाने थे। अगर प्रोन्नति से पद नहीं भरे जाते हैं, तो रिक्त पदों को भी सीधे तौर पर भरना था। अदालत को बताया गया कि कई अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट की शर्तों के तहत आते हैं। जिन्हें अंतिम नियुक्ति अभ्यर्थी से ज्यादा अंक मिले थे। लेकिन उनकी नियुक्ति नहीं की गई। वास्तव में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जेएसएससी और राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार पारदर्शी मेरिट लिस्ट नहीं बनाई गई है। जिसकी वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। जेएसएससी की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई। अदालत ने स्वीकार करते हुए राज्यस्तरीय मेरिट की सूची कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है।