44 साल पुराने एक मामले का रांची की निचली अदालत में न्यायालय एवं पुलिस प्रशासन की मदद से केस का सफलतापूर्वक निष्पादन शनिवार को किया गया है। 43 साल से फरार अभियुक्त मंसूर आलम ने शनिवार को न्यायिक दंडाधिकारी कमलेश बेहरा की अदालत में उपस्थित होकर अपना जुर्म कबूल किया। इस पर अदालत ने दोषी अभियुक्त को मामूली जुर्माना लगाया। अभियुक्त पर 1980 में मटका खेलने के आरोप में संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
चार्जशीट कोर्ट में दाखिल…..
मामले में जांच कर रहे अधिकारियों ने जांच पूरी करते हुए 17 सितंबर 1980 को अभियुक्त के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी। दाखिल चार्टशीट पर तत्कालीन अदालत ने संज्ञान लेते हुए अभियुक्त मंसूर आलम के खिलाफ समन जारी किया था। जारी समन पर अभियुक्त की ओर से कोर्ट में उपस्थिति दर्ज कराई गई थी। अगली न्यायिक प्रक्रिया के तहत अभियुक्त को पुलिस पेपर सौंपना था। इसी दौरान अभियुक्त फरार हो गया। लगभग 43 सालों तक वह फरार रहा। मामला वर्षों से लंबित चल आ रहा था । कोर्ट ने इसकी जानकरी पुलिस प्रशासन को भेजी। पुलिस ने अभियुक्त को तलाश कर अदालत में पेश किया। जहां अभियुक्त ने 44 साल पुराने मामले में अपना दोष स्वीकार लिया। अदालत ने सजा के तौर पर सिर्फ आर्थिक दंड लगाया है।