टेट सफल सहायक अध्यापकों ने बुधवार को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर के सरकारी आवास का घेराव किया। जिसमें गढ़वा और पलामू के टेट पास सहायक अध्यापक शामिल थे। इसकी अध्यक्षता मिथिलेश उपाध्याय ने की। उन्होंने कहा कि मंत्री रांची में नहीं थे, जिसके वजह से टेलीफोनिक वार्ता हुई है। जिसमें उन्होंने 6 तारीख को बातचीत के लिए बुलाया है। वही, मांगपत्र मंत्री के प्रतिनिधि को सौंपा दिया गया है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार अपने वादे से मुकर रही है। एनईपी और एनसीटीई के सभी गाइड लाइन को पूरा करने के बावजूद बीते 44 दिनों से सहायक अध्यापक अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर डटे हुए हैं। सरकार से टेट सफल सहायक अध्यापकों का एकमात्र मांग है यानी वेतनमान। इसपर सरकार ने अबतक कोई भी साकरात्मक पहल नहीं की है। जिसके वजह से शिक्षकों में रोष है। इन 44 दिनों में सहायक अध्यापकों द्वारा सरकार का ध्यान आकृष्ट कराने को लेकर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये। लेकिन अबतक सरकार ने वार्ता करने तक की पहल नहीं की है। झारखंड की माटी की सरकार लगातार सहायक अध्यापकों को छलने का काम कर रही है। जो दुर्भाग्यपूर्ण है। बताते चले कि टेट सफल सहायक अध्यापक समन्यवय समिति संघ के बैनर तले राजभवन के समक्ष पिछले 44 दिनों से अनिश्चितकालीन आमरण अनशन सह धरना कार्यक्रम के तहत शिक्षक आंदोलनरत है।
संघ के महासचिव मोहन मंडल ने कहा कि सरकार के मुखिया सह शिक्षा मंत्री हेमंत सोरेन बीते विधानसभा के चुनाव के दौरान विभिन्न मंचों से घोषणा किये थे, अगर सरकार बनती है तो, तीन माह के अंदर टेट सफल सहायक अध्यापकों को वेतनमान दिया जायेगा। सतापक्ष के सभी मंत्री और विधायकों ने समर्थन देते हुए कहा है कि आपलोगों की मांग जायज है। महासचिव मोहन मंडल ने अपने बातों को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मंत्री व विधायक का समर्थन है तो, फिर दिक्कत कहां आ रही है। उन्होंने कहा कि महाधिवक्ता ने भी लिखित सुझाव सरकार को दिए है। जो टेट पास सहायक अध्यापक के पक्ष में है। इसके बावजूद हमारी एक सूत्री मांगों को अनसुना किया जा रहा है।
उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि टेट सफल सहायक अध्यापकों को अविलंब वेतनमान देने की प्रक्रिया को शुरु करें। अगर मांगों पर जल्द से जल्द पहल नहीं की गयी, तो बाध्य होकर उग्र आंदोलन किया जायेगा। आलम यहां है कि शिक्षक एक सूत्री मांगों को लेकर सड़कों पर बैठे। इसके बावजूद सरकार शिक्षकों की समस्या ओं को सुनने तक को तैयार नहीं है। सरकार के चार वर्ष बीत जाने के बाद भी अहर्ता प्राप्त टेट पास सहायक अध्यापकों को आमरण अनशन के दौर से गुजरना पड़ रहा है। जिसमें कई शिक्षक बीमार भी पड़ चुके हैं। प्रतिदिन शिक्षकों की तबीयत बिगड़ रही है। जिसके वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। अब आंदोलन को उग्र करने को लेकर रणनीति बनाई जायेगी। धरना स्थाल पर प्रमोद कुमार, झरीलाल महतो, महेश मेहता,विपुल पांडे, कुमार गौरव, सरफराज , कौशल वर्मा, श्रीकांत पांडे, कृष्णा, मनोज ठाकुर, राम वली प्रसाद समेत सैकड़ों की संख्या में सहायक अध्यापक उपस्थित थे।