सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना की वैधता वाले याचिका पर गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया है। जिसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार दिया है। इसके साथ ही इस पर रोक लगा दी है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि चुनावी बॉन्ड संविधान प्रदत्त सूचना के अधिकार के साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन है। एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से जानकारी सार्वजानिक करना ही होगा। प्रक्रिया के तहत एसबीआई इससे जुड़ी जानकारी इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ईसी) को दें। जिसके बाद चुनाव आयोग इस जानकारी को साझा करेगा।
क्या है मामला
दरअसल, पिछले साल नवंबर में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने चुनावी बॉन्ड योजना के मामले पर सुनवाई की थी। जिसके बाद लगातार तीन दिनों तक पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, बीआर गवई, जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने दलीलें सुनने के बाद मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस दौरान याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत के समक्ष तर्क दिया था कि चुनावी बॉन्ड योजना अनुच्छेद 19 (1) के तहत नागरिकों के सूचना के मौलिक अधिकार का हनन करती है। यह पिछले दरवाजे से लॉबिंग को सक्षम बनाती है। जो भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है। इसके साथ ही विपक्षी राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर को समाप्त करती है।
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