सुप्रीम कोर्ट में सहायक शिक्षक नियुक्ति मामले पर न्यायाधीश जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जेके माहेश्वरी की खंडपीठ में सुनवाई हुई। जहां कोर्ट ने सहायक शिक्षक नियुक्ति मामले पर बड़ा फैसला सुनाया हैं। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि सहायक शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में सिर्फ जेटेट पास अभ्यर्थी ही शामिल हो सकते हैं। इस आदेश के बाद साफ है कि जेटेट परीक्षा पास किये बिना आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को झटका लगा हैं। वहीं, इस फैसले के बाद जेटेट अभ्यार्थियों को बड़ी राहत मिली हैं।
बता दें कि इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड में 26 हजार सहायक आचार्यों (सहायक शिक्षकों) की नियुक्ति परीक्षा को लेकर अहम आदेश पारित किया था। जहां झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों परिमल कुमार एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई की थी। जिसके तहत झारखंड सरकार और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को आदेश दिया था कि सुप्रीम कोर्ट के अनुमति के बिना नियुक्ति परीक्षा का रिजल्ट प्रकाशित नहीं करें। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में झारखंड हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गयी थी, जिसमें दूसरे राज्यों की टेट (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) परीक्षा अथवा सीटेट (सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) परीक्षा पास अभ्यर्थियों को भी इस नियुक्ति परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी गथी थी।
इस बाबत झारखंड हाईकोर्ट ने यह फैसला दिसंबर, 2023 में झारखंड सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ की याचिका पर सुनवाई के बाद सुनाया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद जेटेट प्रार्थी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण और अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने पक्ष रखा था। जहां उन्होंने पक्ष रखते हुये कहा था कि झारखंड टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (जेटेट) उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को राज्य की क्षेत्रीय भाषाओं संथाली, खोरठा, नागपुरी समेत अन्य का ज्ञान हैं। क्योंकि, उन्होंने (जेटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी) इन पत्रों की परीक्षा को पास किया हैं।
इस दौरान उन्होंने सीटेट (सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) अभ्यर्थियों पर कहा था कि उनके पास ऐसी क्षेत्रीय भाषाओं का ज्ञान नहीं है। उनकी नियुक्ति जब झारखंड के प्राइमरी स्कूलों में होगी तो उन्हें राज्य की क्षेत्रीय भाषा में बच्चों को शिक्षा देने में परेशानी आयेगी। साथ ही यह राइट टू एजुकेशन के प्रावधानों का भी उल्लंघन हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद सुनवाई की अगली तिथि 30 जनवरी 2025 निर्धारित की थी। जिसपर कोर्ट ने आज सुनवाई करते हुये जेटेट पास अभ्यर्थी के पक्ष में अपना फैसला सुनाया हैं।