हाईकोर्ट ने प्रार्थी गीता देवी के घर के सामने बनी बाउंड्री को हटाने का दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि किसी के आने जाने का रास्ता बंद नहीं किया जा सकता है। इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट से पारित आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने हिनू में रास्ता विवाद मामले में प्रार्थी के पक्ष में आदेश पारित किया था। जिसकी चुनौती सुप्रीम कोर्ट में दी गई थी। जिसको सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि झारखंड हाईकोर्ट का आदेश बिल्कुल सही है। इसमें हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है। इसके बाद अदालत ने एसएलपी खारिज कर दी। गीता देवी की जीत हुई। झारखंड हाईकोर्ट ने 28 मार्च 2022 को गीता देवी के घर के सामने बनी बाउंड्री को हटाने का आदेश दिया था। इसके बाद नगर निगम की ओर से कार्रवाई करते आने-जाने का रास्ते पर बनी बाउंड्री को तोड़ दिया था।
इसके खिलाफ अंजू मिंज ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। बता दें कि गीता देवी हिनू में रहती हैं। कुछ दिनों पहले पाहन की जमीन बताते हुए बाउंड्री बना दिया गया। कहा गया कि इस पर गांव वाले पूजा करते हैं। निजी जमीन से रास्ता नहीं दिया जा सकता है। तब अदालत ने कहा था कि मामले में पहले दिन से कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वह जमीन का मालिकाना हक तय नहीं कर रहा है। इसके लिए सभी पक्षों को सक्षम अदालत में जाना चाहिए। अदालत ने कहा था कि प्रार्थी 1953 से उक्त रास्ते का इस्तेमाल कर रही हैं। एसएआर कोर्ट के तहत बीस साल से अधिक रास्ता इस्तेमाल करने पर नगर निगम उसे रास्ता का दर्जा प्रदान कर देता है।
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