मणिपुर हिंसा मामले को लेकर आज भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जातीय हिंसा भड़कने के बाद राज्य सरकार ने 6,523 एफआईआर दर्ज की हैं। हालांकि, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य पुलिस ने कानून-व्यवस्था से नियंत्रण खो दिया है। मणिपुर हिंसा मामले में सरकार की ओर से तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में हलफनामा दायर किया गया है। वही, एसजी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि महिलाओं के वीडियो मामले में राज्य पुलिस की ‘शून्य’ एफआईआर 5 मई को दर्ज की गई थी। ऐसा लगता है कि वायरल वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने महिलाओं का बयान दर्ज किया।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बहुत स्पष्ट है कि वीडियो मामले में एफआईआर दर्ज करने में काफी देरी हुई है। इस मामले की जांच बहुत सुस्त रही है। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था और संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। यह स्पष्ट है कि पुलिस ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर नियंत्रण खो दिया है।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या महिलाओं को भीड़ को सौंपने वाले पुलिसकर्मियों से राज्य पुलिस ने पूछताछ की थी। उन्होंने कहा कि यदि कानून एवं व्यवस्था तंत्र लोगों की रक्षा नहीं कर सकता, तो नागरिकों का क्या होगा? कोर्ट ने कहा कि राज्य पुलिस जांच करने में असमर्थ है। उन्होंने राज्य की स्थिति से अपना नियंत्रण खो दिया है। मणिपुर में कोई कानून व्यवस्था नहीं बची है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने ये भी पूछा कि एफआईआर में कितने आरोपियों के नाम हैं। इससे जुड़े मामले में उनकी गिरफ्तारी के लिए क्या कार्रवाई की गई है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी संख्या में एफआईआर का हवाला दिया। वही, सीबीआई से पूछा कि उसके बुनियादी ढांचे की सीमा क्या है? सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि ऐसा लगता है कि पुलिस ने महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो सामने आने के बाद उनका बयान दर्ज किया।
इन सब की बातों को सुनने के बाद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यह बिलकुल स्पष्ट है कि वीडियो मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में काफी देरी हुई। कोर्ट ने पूछा कि प्राथमिकियों में कितने आरोपियों को नामजद किया गया, उनकी गिरफ्तारी के लिए क्या कार्रवाई की गई। कोर्ट ने मणिपुर के डीजीपी को राज्य में जातीय हिंसा से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सोमवार को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट : मणिपुर में कानून व्यवस्था नहीं बची, डीजीपी तलब
Place your Ad here contact 9693388037