फेफड़ों का कैंसर वैश्विक स्तर पर मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है। शोधकर्ताओं ने पाया कि दुनियाभर में हर 16 में से एक व्यक्ति में लंग कैंसर का जोखिम हो सकता है। अमेरिकन लंग्स एसोसिएशन की रिपोर्ट के मुताबिक लगभग हर ढाई मिनट में यू.एस. में किसी न किसी व्यक्ति में फेफड़े के कैंसर का पता चलता है और हर दिन फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित करीब 350 लोगों की मौत हो जाती है। इस बीच लंग्स कैंसर और इसके कारण होने वाली मौतों की रोकथाम को लेकर अध्ययन कर रही वैज्ञानिकों की टीम को बड़ी सफलता मिली है। रिपोर्ट के मुताबिक शोधकर्ताओं ने एक ऐसी दवा खोज ली है जो फेफड़ों के कैंसर के खतरे को काफी कम कर सकती है।
कम हो सकता है मृत्यु दर
दवा निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका ने एक ऐसी पिल के नैदानिक परीक्षण में सफलता का दावा किया है जो लंग्स कैंसर के कारण होने वाली मौत के मामलों को 50 फीसदी तक कम कर सकती है। शिकागो में अमेरिकन सोसायटी ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी की वार्षिक बैठक में परीक्षण के परिणाम प्रस्तुत किए गए हैं। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती चरण के रोगियों की सर्जरी के बाद, दैनिक रूप से इस दवा के सेवन ने मृत्यु के जोखिम को काफी हद तक कम किया है।
फेफड़ों के कैंसर वाले 682 रोगियों पर इस दवा का अध्ययन किया गया। लगभग आधे प्रतिभागियों को तीन साल तक दैनिक रूप से यह गोली दी गई, जबकि अन्य आधे को प्लेसबो दिया गया। कैंसर के निदान के पांच साल बाद, प्लेसबो लेने वाले समूह के 78% की तुलना में इस दवा को लेने वाले 88% रोगी अभी भी जीवित थे। शोधकर्ताओं ने पाया कि यह दवा फेफड़ों के कैंसर से मृत्यु के समग्र जोखिम को 51% तक कम कर सकती है।
अध्ययन में दावा: फेफड़ों के कैंसर में मौत का जोखिम 51% तक कम कर सकेगी ये चमत्कारी दवा
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