चिटफंड घोटाला मामले में निवेशकों के डूबे पैसा की वापसी को लेकर दायर नन बैंकिंग अभिरक्षा निवेशक सुरक्षा समिति सहित अन्य याचिकाओं पर बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 11 सितंबर 2023 के हाईकोर्ट के आदेश को लेकर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करने का निर्णय लिया है। इस पर खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख छह दिसंबर निर्धारित की है। बात दें कि 11 सितंबर को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निवेशकों के डूबे पैसे को उन्हें मुहैया कराने के लिए राज्य सरकार को 45 दिनों के भीतर उच्च स्तरीय कमेटी बनाने का नोटिफिकेशन जारी करने को कहा गया था। यह कमेटी सेवानिवृत्त चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय होगी। यह कमेटी चिटफंड कंपनियों द्वारा छोटे निवेशकों के गबन किए गए पैसे को वापस दिलाने का प्रयास करेगी।
अन्य राज्यों के निवेशकों को लौटाया जा रहा डूबे पैसे :
पूर्व की सुनवाई में प्रार्थी के अधिवक्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि चिटफंड घोटाला में शामिल कई कंपनी के संचालकों की ईडी और सीबीआई ने करोड़ रुपए की संपत्ति एवं पैसे जब्त किया है। चिटफंड घोटाले के सीज पैसे ईडी और सीबीआई ने बैंकों में रखे गए हैं। कई राज्यों में एक कमेटी बनाकर चिटफंड के शिकार लोगों के केस को डिस्पोजल किया जा रहा है और उन्हें उनके डूबे पैसे वापस दिलाया जा रहे हैं। झारखंड में भी कमेटी बनाकर निवेशकों के डूबे पैसे को वापस दिलाया जाए। बता दें कि प्रार्थी ने याचिका दाखिल कर कहा है कि चिटफंड कंपनियों ने अधिक ब्याज का लालच देकर उनके पैसे का गबन कर लिया गया है। मामले की जांच सीबीआई कर रही है, लेकिन निवेशकों के डूबे पैसे भी वापस दिलवाने की पहल की जाए।
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चिटफंड घोटाला मामला : राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में दायर करेगी एसएलपी
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