कोर्ट ने चार सप्ताह में मांगा आपराधिक मामले पर रोकथाम पर विस्तृत बिंदुवार जानकारी
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एमवाई इकबाल के रांची स्थित जमीन को भू माफिया द्वारा अवैध तरीके से हड़पने के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान से दर्ज याचिका पर जस्टिस एस चंद्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की खंडपीठ में गुरुवार को सुनवाई की। मामले की सुनवाई के दौरान राज्य के डीजीपी सशरीर अदालत में उपस्थित हुए। अदालत के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का जवाब दिया। अदालत ने राज्य में बढ़ते आपराधिक पर चिंता जताई राज्य सरकार के जवाब पर अपनी असहमति व्यक्त करते हुए उन्हें चार सप्ताह में बढ़ते आपराधिक मामले पर रोकथाम के लिए के लिए पुलिस द्वारा उठाए गए कदम के बारे में विस्तृत बिंदुवार और अद्यतन जानकारी पेश करने को कहा है। उन्हें अपने जवाब में यह बताने को कहा है कि उन्होंने अब तक क्या-क्या कदम उठाया है। आपराधिक वारदात को रोकने के लिए कितने दिन से यह चलाए जा रहे हैं। क्या कमी आई है खासकर भूमाफियाओं के खिलाफ क्या-क्या कार्रवाई की गई है और भविष्य में अपराध पर रोकथाम के लिए क्या योजनाएं बनाई गई है। जानकारी हो कि बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने डीजीपी को तलब किया था। उसी आदेश के आलोक में वह अदालत पहुंचे।
मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि भू माफियाओं के खिलाफ कड़ी से करी कार्रवाई करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। वैसे भूमिमाफिया जिन पर केस दर्ज है। उन्हें जिला बदर किया जा रहा है। जिन पर केस दर्ज हैं उसे 15 दिन पर थाने में हाजिरी लगाने के लिए कहा जा रहा है। इस तरह से अन्य कई तरह के कार्रवाई भूमि माफियाओं के खिलाफ प्रारंभ कर दी गई है उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि झारखंड पुलिस के द्वारा स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जा रहा है। खासकर तीन तरह के क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए और मामले के शीघ्र निष्पादन के लिए बनाए जा रहे हैं। भू माफियाओं के खिलाफ एससी एसटी मामले और महिला उत्पीड़न से जुड़े मामलों के लिए बनाए जा रहे हैं। जानकारी हो कि बीते 26 जून को लोअर बाजार के डॉ फतेहउल्लाह रोड के सामने स्थित सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस स्वर्गीय एमवाई इकबाल की जमीन पर बनी चारदीवारी को भूमाफियाओं ने तोड़कर कब्जा करने का प्रयास किया था।