उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ कस्बे के फुलरई गांव में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। दरअसल यहां भोले बाबा का सत्संग चल रहा था। जहां सत्संग समाप्त होने के बाद यहां से जैसे भी भीड़ निकलना शुरू हुई तो भगदड़ मच गयी। इस भगदड़ में महिलाएं और बच्चे अधिक शिकार हुये है। घटना के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गयी।
हादसे में तकरीबन एक सौ से अधिक लोगों की मौत हो गयी। वहीं, घयलों के इलाज को लेकर मेडिकल कॉलेज एटा भेजा गया है। जबकि कुल मृतकों की संख्या 116 बताई जा रही है। जिनके शव अलीगढ़ भेजे गये हैं। वहीं, सीएम योगी ने भी हादसे का संज्ञान लिया है। इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने हाथरस की घटना पर सदन में दुख जताया। इस दौरान उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए दो लाख और घायलों को 50 हजार मुआवजे का ऐलान किया। वहीं यूपी सरकार ने भी मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान की है।
हादसे की चश्मदीद ने बयां किया भयावह मंजर
हादसे को अपनी आंखों से देखने वाली युवती ने बताया कि सत्संग में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी हुई थी। सत्संग समाप्त हुआ उसके बाद लोग वहां से जाने लगे। इसी दौरान निकलने की जल्दी में भगदड़ मच गई। लोग एक दूसरे को देख ही नहीं रहे थे। महिलाएं और बच्चे गिरते चले गए। भीड़ उनके ऊपर से दौड़ रही थी। कोई बचाने वाला नहीं था। चारों ओर चीख-पुकार मची हुई थी।
आयोजकों के खिलाफ एफआईआर होगे…..
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जायेगा। जांच में जो जो लोग दोषी पाये जायेगे। सब पर कार्रवाई होगी। चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि 80000 लोगों के इकट्ठा होने की इजाजत दी। इसके बावजूद इससे अधिक लोग इकट्ठा हो गये थे। जितने की इजाजत दी उस हिसाब से पर्याप्त पुलिस बल था। जांच में अगर भोले बाबा का नाम आयेगा तो, उन पर पर भी एक्शन होगे।
घटना में दोषी कोई भी हो, नहीं बच पायेगा : सीएम
हाथरस मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने आवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। घटनास्थल पर तीन मंत्रियों को भेजा गया है। मुख्य सचिव और डीजीपी से लगातार मुख्यमंत्री संपर्क में हैं। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि घटना का दोषी कोई हो, बचना नहीं चाहिए।