झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने अस्पतालों के लिए मेडिकल उपकरण खरीद मामले में आरोपी पूर्व मंत्री सह वर्तमान विधायक भानु प्रताप शाही की क्रिमिनल रिवीजन पर सुनवाई हुई। अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद भानु प्रताप शाही की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि क्रिमिनल रिवीजन के लिए स्पष्ट ग्राउंड नहीं है। कोर्ट ने प्रार्थी को छूट दी कि वह ट्रायल के दौरान अपनी बातों को अदालत में रख सकता है। दरअसल, भानु प्रताप शाही ने निचली अदालत द्वारा इस मामले में डिस्चार्ज याचिका खारिज किए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। वर्ष 2017 में निचली अदालत ने उनके डिस्चार्ज पिटिशन को खारिज कर दी थी। मामले को लेकर सीबीआई ने कांड संख्या संख्या आरसी 11/ 2009 दर्ज किया था। दरअसल, केंद्र सरकार की स्कीम मेडिकल हेल्थ मिशन के तहत वर्ष 2008 – 2009 में अस्पतालों के लिए मेडिकल उपकरण की खरीद हुई थी। इस मामले में षड्यंत्र के तहत पैसे लेने का आरोप भानु प्रताप शाही पर लगा है। उस समय भानु प्रताप शाही झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री थे। प्रार्थी की ओर से याचिका में कहा गया है कि इस मामले में एफआईआर में इनका नाम नहीं है, लेकिन सीबीआई की चार्जशीट में भानु प्रताप का नाम शामिल है। इस मामले में पूर्व स्वास्थ्य सचिव डॉ प्रदीप कुमार भी आरोपी है। मामले में भानु प्रताप की मुश्किलें बढ़ गई है।