हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ अपराधिक मामले को किया निरस्त
झारखंड हाईकोर्ट से मारवाड़ी शिक्षा ट्रस्ट के विवाद में ट्रस्ट के सचिव अरुण कुमार बुधिया को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एसके द्विवेदी की कोर्ट ने इनके खिलाफ चल रहे आपराधिक मामला एवं शिकायतवाद को निरस्त कर दिया। कहा कि इनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है। यह सिविल नेचर का मामला है , इसके लिए सिविल सूट दाखिल किया गया है। मारवाड़ी शिक्षा ट्रस्ट में चल रहे विवाद में रतन जालान ने मारवाड़ी शिक्षा ट्रस्ट के सचिव अरुण कुमार बुधिया एवं प्रेसिडेंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था। जिसके खिलाफ अरुण कुमार बुधिया ने वर्ष 2016 में हाई कोर्ट में निरस्त याचिका दायर की थी। जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार करते हुए अरुण कुमार बुधिया के खिलाफ आपराधिक मामले को निरस्त कर दिया। यहां बता दें कि मारवाड़ी शिक्षा ट्रस्ट के सचिव अरुण कुमार बुधिया के ऊपर वर्ष 2013 में रतन कुमार जालान ने कोतवाली थाना में धोखाघड़ी का अपराधिक मामला दर्ज कराया था। पुलिस की जांच में इस आपराधिक मामले को खत्म करते हुए इसे सिविल नेचर का पाया गया था जिसके आधार पर हाईकोर्ट ने एफआईआर को निरस्त कर दिया । बता दें कि रतन कुमार जालान ने वर्ष 2013 में मारवाड़ी शिक्षा ट्रस्ट के खिलाफ कोतवाली थाना में धोखाघड़ी के तहत प्राथमिकी (कांड संख्या 181/ 2013) दर्ज कराया था । मामले की जांच में पुलिस ने रिपोर्ट दिया की यह अपराधिक मामला नहीं, सिविल नेचर का है। पुलिस ने इस मामले में फाइनल फॉर्म जारी कर दिया था। उसके खिलाफ वर्ष 2014 में रतन जालान रांची सिविल कोर्ट में एक प्रोटेस्ट पिटिशन फाइल किया। वर्ष 2016 में सीजेएम रांची ने धोखाघड़ी के इस मामले में संज्ञान लेते हुए मारवाड़ी शिक्षा ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष वासुदेव कटारुका, पूर्व सचिव धर्मचंद जैन और वर्तमान सचिव अरुण कुमार बुधिया के खिलाफ संज्ञान लेते हुए अपराधिक मामला चलाने का निर्देश दिया था। जिसके बाद वर्ष 2019 में इस आदेश के खिलाफ ट्रस्ट के सचिव अरुण कुमार बुधिया ने हाई कोर्ट में निरस्त याचिका दाखिल की थी। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिंह एवं अमृतांश वर्ष ने पैरवी की। उनकी ओर से कहा गया यह आपराधिक मामला नहीं बनता है। ट्रस्ट की जमीन बेची नहीं गई थी। रतन जालान ने एक निचली अदालत में सिविल सूट कर चुके हैं, सिविल सूट लंबित है।