जलाशय बचाओ अभियान समिति ने कांके डैम का नया नामकरण कर दिया। जिसमें समिति ने कांके डैम का नया नाम कचरा डैम रखा है। डैम के उत्थान को लेकर नामकरण के लिए समिति के सदस्य और आम नागरिक गेट नं दो पर जमा हुए। समिति के सदस्यों ने बैनर लगा कर डैम के रास्ते गुजरने वाले राहगीरों से अनुरोध करते हुए कहा कि डैम की साफ सफाई में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि सरकार, सांसद, नगर निगम और विधायक समेत अन्य अधिकार प्राप्त लोग डैम अतिक्रमण, प्रदुषण और बर्बादी से बचाने का प्रयास नहीं कर रहे है। जब तक उत्थान को लेकर पहल नहीं होगी, तब तक सभी लोग इसे कचरा डैम के नाम से संबोधित करें। इस प्रदर्शन का नेतृत्व अभियान के संयोजक अमृतेश पाठक ने की।
उन्होंने कहा कि जिस तरह से डैम में पूरे रांची का कचरा, पालीथीन, मल-मूत्र और जलकुंभी भर गया है। और इसकी पानी जिस तरह दिखाई दे रहा है, उसको देखते हुए इसे कचरा डैम कहना ही युक्तिसंगत है। उन्होंने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, नगर निगम समेत सभी अधिकार प्राप्त लोगों पर आरोप लगाते हुए कहा कि जनहित से जुड़े काम में ना वोट है ना नोट, इसलिए इस डैम को लेकर जन प्रतिनिधि से लेकर अधिकारियों तक को कोई भी दिलचस्पी नहीं ले रहे है। यह डैम सरकारी उदासीनता का दंश झेल रहा है। वही, समिति के सदस्यों ने तय किया कि 7 दिनों में यदि जलकुंभी की सफाई नहीं होती है, तो नगर निगम में ताला और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग मंत्री के आवास का घेरव किया जाएगा। इस अभियान में मंटू मुंडा, रमेश मुंडा, करण मुंडा, ,सोनू लकड़ा, पिंटू मुंडा, मनोज मुंडा, बिरसा मुंडा, करमा लोहड़ा, संतोष नायक, राहुल उरांव, अजय उरांव, मनीष तिर्की, नकुल गोप, जोरावर सिंह, विपिन साह समेत अन्य लोगों उपस्थित थे।