आदिवासी समाज के साथ ही आखिर इस तरह की घटनाए क्यों होती है, समाज इसपर मंथन करें : शिवा कच्छप
मणिपुर में गैंगरेप और निर्वस्त्र करने के मामले पर आदिवासी संगठन ने आक्रोश मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। झरखंड में भी मणिपुर मामले को लेकर आदिवासी समाज को लोगों में रोष है। यह मार्च जयपालसिंह स्टेडियम से अल्बर्ट एक्का चौक तक निकाला गया। जिसके बाद मणिपुर के सीएम का पुतला फूंका गया। केन्द्रीय सरना संघर्ष समिति बैनर तले निकाले गए इस आक्रोश मार्च में सैंकड़ो की संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए। इसका नेतृत्व समिति के अध्यक्ष शिवा कच्छप ने की। उन्होंने कहा कि मणिपुर में आदिवासी महिलाओं के साथ हुई अमानवीय घटना ने पूरे देश को शर्मशार किया है। इसकी जितनी भी विरोध की जाए वह कम है। इस तरह की घटना आदिवासी समाज के साथ ही क्यों होता है। यह इंसानियत को शर्मसार करनी वाली है। इसपर समाज को मंथन करनी की जरुरत है। उन्होंने कहा कि देश की बेटियो की इज्जत व आबरू पर भी खतरा आ गया है । इसे देश के लिए काला अध्याय ही कहा जाएगा है । मणिपुर की घटना सभ्य समाज को शर्मशार करने वाली है। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि दोषियों को अविलंभ फांसी देने का प्रावधान करना चाहिए। मौके पर अनिता उरांव, संगीता गाडी, शोभा तिर्की, रीता खलखो, पार्वती उरांव, कुलदीप उरांव, गुड्डू उरांव, कुईली उरांव, महादेव उरांव, अन्नु मुंडा, सीटीओ उरांव, निलम उरांव, नुरी तिर्की समेत अन्य उपिस्थत थे।