ईडी की पूछताछ ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से दूसरे दिन भी जारी रहा। इस बाबत मंत्री आलमगीर आलम बुधवार को ईडी ऑफिस पहुंच गए है। दरअसल ईडी ने झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम को एक दिन पहले यानी मंगलवार को एयरपोर्ट रोड़ स्थित ईडी ऑफिस समन देकर बुलाया था। जिसमें पीएस संजीव लाल के ठिकानों से मिले 35 करोड़ 23 लाख रुपये कैश मामले में पूछताछ की गयी। दरअसल एजेंसी को शक है कि बरामद राशि का एक बड़ा हिस्सा मंत्री आलमगीर आलम से जुड़ा हुआ है। ईडी ने मंत्री से तकरीबन नौ घंटे तक पूछताछ की । जिसके बाद बुधवार को फिर से आने की बात कह कर उन्हें घर जाने की अनुमति दे दी थी। जिसके तहत आज फिर से मंत्री आलमगीर आलम पूछताछ में सहयोग करने पहुंचे है।
वहीं, दूसरे दिन की पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस जाने से पहले कार से उतरकर उन्होंने पत्रकारों से कोई खास बातचीत नहीं की। बस पत्रकारों को देख मुस्कुराते हुए मंत्री आलमगीर आलम ईडी ऑफिस के छोटे वाले गेट से अंदर चले गये। जिसके बाद कागजी औपचारिकता को पूरी की गयी । वहीं, मंत्री आलमगीर आलम से ईडी के अधिकारियों ने आप्त सचिव संजीव लाल और नौकर जहांगीर के घर से बरामद 35 करोड़ 23 लाख रुपये कैश, कमीशन खोरी, टेंडर मैनेज, ट्रांसफ पोस्टिग समेत अन्य बिदुओं पर सवाल दागे। जिसके बाद इसको आगे बढ़ाते हुए ईडी की पूछताछ बुधवार को भी मंत्री जी से जारी है।
पहले दिन की पूछताछ में मंत्री ने बोला मुझे कुछ नहीं पता……
मंत्री आलमगीर आलम से ईडी ने पहले दिन मंगलवार को 35 करोड़ 23 लाख से जुड़े कैश बरामदगी के बारे पूछा । इस दौरान उनके सामने आप्त सचिव संजीव कुमार को बैठाकर पूछताछ की गयी। वहीं, मंत्री आलमगीर आलम ने कैश बरामदगी मामले में ईडी को कहा कि उन्हें निजी सहायक जहांगीर के पास करोड़ों रुपये होने की जानकारी नहीं थी। जहांगीर गलत कार्यों में लिप्त था, इसकी भी जानकारी नहीं थी। इसके साथ ही विभाग में हो रही कमीशनखोरी के बारे में कुछ भी जानने से इंकार कर दिया। जिसके बाद ईडी के अधिकारियों ने मंत्री से कमीशनखोरी से जुड़े कई सवाल भी दांगे। हालांकि वीरेंद्र राम से जुड़े सवालों पर वे थोड़ा असहज महसूस किए। इस दौरान मंत्री और उनके पारिवारिक सदस्यों की आमदनी और संपत्ति का ब्यौरा समेत तमाम जानकारी की मांगी गयी।