राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी पत्रिका में छपी खबर ने एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया हैं। वह भी उस वक्त जब महाराष्ट्र में विधानसभा के कुछ माह शेष ही बचे हुये हैं। आरएसएस ने पत्रिका के माध्यम से एक बार फिर विधानसभा को लेकर महाराष्ट्र में लोकसभा के दौरान हुये बीजेपी और अजित पवार के साथ गठबंधन करने के मुद्दे पर सवाल उठाया हैं। आरएसएस से जुड़ी मराठी पत्रिका विवेक ने लिखा है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी का खराब प्रदर्शन होना अजित पवार के साथ गठबंधन की वजह से रहा हैं। दरअसल महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव होने हैं। इस दृष्टिकोण से आरएसएस की पत्रिका विवेक में छापी खबर राजनीतिक गलियारों में बेचैनी का सबब बनता जा रहा हैं।
लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन की वजह बीजेपी और अजित पवार के साथ गठबंधन का होना था। पत्रिका के अनुसार इस गठबंधन से बीजेपी कार्यकर्ता असहज महसूस कर रहे थे। बीजेपी की हार का कारण पूछे जाने पर कार्यकर्ता सबसे पहले अजित पवार के साथ हुये गठबंधन को जिम्मेदार ठहराते हैं।
वहीं, पत्रिका विवेक ने आगे लिखा हैं कि आज लगभग हर कार्यकर्ता लोकसभा में हार के कारणों को बताने में सबसे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ हुये गठबंधन से ही बात शुरू करता है। बीजेपी कार्यकर्ता को एनसीपी का साथ पसंद नहीं आ रहा हैं। ऐसा नहीं है कि बीजेपी नेताओं को इसकी जानकारी नहीं हैं। हाल ही में खुद देवेंद्र फडणवीस ने एक इंटरव्यू में इस पर टिप्पणी की थी। जिसमें कहा था कि शिवसेना की गठबंधन में वापसी, आंतरिक विद्रोह और एकनाथ शिंदे के शपथ ग्रहण को कार्यकर्ताओं ने स्वीकार किया हैं।
पत्रिका में लिखा हैं कि शिवसेना के साथ गठबंधन को हिंदुत्व की एक साझा कड़ी और दशकों पुराना इतिहास होने की वजह से, इसे एक स्वाभाविक गठबंधन के रुप में देखा गया था। लेकिन, यही भावना एनसीपी के साथ आने के बाद दूसरे ओर जाने लगी थी। जिसके बाद लोकसभा की तस्वीरों ने इस नाराजगी को और बढ़ा दिया हैं। एनसीपी का शामिल होना कार्यकर्ताओं के बीच अशांति का मुख्य कारण लग रहा है। लेकिन यह एकमात्र कारण नहीं हैं।