खारिज डिस्चार्ज अर्जी एवं आरोप गठन की कार्यवाही को दी गई थी चुनौती
झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में बीज घोटाला मामले में आरोपी तत्कालीन कृषि निदेशक निस्तार मिंज की याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने निस्तार मिंज को राहत प्रदान करते हुए निचली अदालत के आरोप गठन और डिस्चार्ज याचिका खारिज करने का आदेश को निरस्त कर दिया। अदालत ने कहा कि निचली अदालत इस मामले में फिर से प्रार्थी के डिस्चार्ज याचिका पर सुनवाई कर उचित आदेश पारित करे। अदालत ने कहा कि निस्तार मिंज के डिस्चार्ज याचिका में वर्ष 2013 में उनके खिलाफ खाद घोटाला मामले में दर्ज प्राथमिकी के दस्तावेज को आधार बनाते हुए फैसला सुनाया गया, जो कि उचित नहीं है। इस संबंध में निस्तार मिंज की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुनवाई के दौरान बताया गया कि निस्तार मिंज के खिलाफ एसीबी थाना में दो प्राथमिकी दर्ज की गई है। पहली प्राथमिकी वर्ष 2009 में बीज घोटाला और दूसरा वर्ष 2013 में खाद घोटाला में दर्ज हुई है। खाद घोटाला मामले में अभी तक आरोपपत्र भी दाखिल नहीं हुआ है। एसीबी अदालत ने खाद घोटाले के दस्तावेज को देखते हुए उनकी डिस्चार्ज अर्जी को खारिज कर दिया था। दिसंबर 2022 में एसीबी की अदालत ने बीज घोटाला मामले में निस्तार मिंज के खिलाफ आरोप गठित किया था। इसके बाद अदालत ने एसीबी के आरोप गठन और डिस्चार्ज खारिज करने के आदेश को निरस्त कर दिया। बता दें कि राज्य में 46.10 करोड़ का कृषि घोटाला हुआ है।