राजधानी रांची की खराब ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान ट्रैफिक एसपी सशरीर कोर्ट में उपस्थित थे। कोर्ट ने गृह सचिव को मामले में हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा है कि ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के खाली पदों को भरने के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा कोर्ट ने गृह सचिव से यह भी पूछा है कि ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को स्पीड चेकिंग उपकरण उपलब्ध कराने, गलत तरीके से पार्क किए गए वाहनों को उठाने के लिए ट्रकों को खींचने आदि के लिए क्या किया जा रहा है।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 10 मई तय की है। पिछली सुनवाई में ट्रैफिक एसपी को कोर्ट ने तलब किया था। जिसमें ट्रैफिक एसपी ने बताया था कि रांची शहर के चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे काम कर रहा हैं। खराब होने पर उसे तुरंत बदल दिया जाता है। साथ ही बिना परमिट वाले ऑटो को जब्त किया जा रहा है। कोर्ट ने ट्रैफिक एसपी को ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को भी कहा। इससे पहले ट्रैफिक एसपी ने कोर्ट को बताया था कि राजधानी में बेसमेंट में पार्किंग को दुकान में तब्दील कर दिया गया है। जिससे लोग सड़कों पर वाहन पार्क कर देते हैं। इसके वजह से जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। सड़कों पर कुछ ऐसे कट भी होते हैं, जहां बहुत सारी गाड़ियां घूमती रहती हैं। जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या पैदा होती है। कोर्ट ने ट्रैफिक एसपी से कहा कि एंबुलेंस और स्कूल बसों पर फोकस रखें ताकि वे जाम में नहीं फंसे। ट्रैफिक एसपी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि रांची में फिलहाल सिर्फ 371 ट्रैफिक पुलिसकर्मी हैं। जबकि करीब 900 पद स्वीकृत हैं। रिक्त पदों को भरने के लिए गृह विभाग को आवेदन दिया गया है।