केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के लिए न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस ) को मंजूरी दे दी हैं। इस घोषणा के बाद इसका लाभ अब केंद्रीय कर्मचारी उठा सकेगे। इस न्यू पेंशन स्कीम को एक अप्रैल 2025 से लागू कर दिया जायेगा। यह बातें सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में डीआरएम जसमीत सिंह बिंद्रा ने कहीं। दरअसल न्यू पेंशन स्कीम के मद्देनजर हटिया स्थित डीआरएम कार्यालय के सभागार में प्रेस वार्ता में आयोजित की गयी थी।
जिसमें डीआरएम जसमीत सिंह बिंद्रा ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन प्रदान करना हैं।
कर्मचारियों के योगदान के आधार पर इसे निर्धारित किया जायेगा। जिसके तहत ना केवल रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन बल्कि उनके यानी कर्मचारी के मृत्यु के बाद भी इसका लाभ सीधे तौर पर उनके परिजनों को मिलेगा।
एडीआरएम हेमराज मीणा ने कहा कि इस योजना में सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनकी सैलरी का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा। यह पेंशन पिछले 12 महीनों के औसत वेतन पर आधारित तय होगा। इस कैटगरी में आने के लिए कर्मचारी को 25 साल का अपना सेवाकाल पूरा करना होगा। यूपीएस में सरकार का योगदान बढ़कर 18.5 प्रतिशत हो गया है, जबकि कर्मचारी अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान देते रहेंगे।
सिनियर डीसीएम सह सीपीआओ निशांत कुमार ने कहा कि रिटायर्ड कर्मचारियों को 12 महीने की एवरेज बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलेगा। इसके साथ ही फैमिली पेंशन कर्मचारी की मृत्यु के बाद फैमिली को 60 प्रतिशत मिलेगा। मिनिमम पेंशन के बारे में उन्होंने कहा कि अगर किसी ने 10 साल या उससे अधिक उक्त संस्थान में अपनी सेवाएं दी हैं, तो उसे कम से कम 10,000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी। उन्होंने कंट्रीब्यूशन के मामले पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुये कहा कि सरकार 18.4 प्रतिशत और कर्मचारी 10 प्रतिशत कंट्रीब्यूट करेंगे।
डीएफएम सह कोऑर्डिनेशन लक्ष्मण कुमार ने पीएस और एनपीएस के बीच के अंतर को समझाते हुये कहा कि यूपीएस के तहत पेंशन की गारंटी होती हैं। जो कर्मचारी एनपीएस का विकल्प चुन चुके हैं, उन्हें अगले साल से यूपीएस में जाने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा रांची रेल मंडल में 7500 कर्मचारी हैं, जिसमें 5000 कर्मचारियों ने एनपीएस का विपल्प चुना हैं।