ऑल इंडिया पोस्टल/ आरएमएस पेंशनर्स एसोसिएशन के बैनर तले मंगलवार को रांची जीपीओ में अंतर्राष्ट्रीय पेंशनर्स दिवस मनाया गया। इसकी अध्यक्षता एसोसिएशन के सचिव एम जेड खान ने की। दरअसल उनके नेतृत्व में इंटरनेशनल ट्रेड यूनियन ( पेंशनर्स व रिटायरीज) और एनसीसीपीए के आह्वान पर अंतर्राष्ट्रीय पेंशनर्स दिवस मनाया गया।
सचिव एम जेड खान ने कहा कि यूएनओ ने सितम्बर 1990 में प्रत्येक वर्ष एक अक्तूबर को सीनियर सिटीजन दिवस मनाने का फैसला किया था। जिसके बाद से ही पूरे विश्व में एक अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय पेंशन दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान सरकारों से पेंशनर्स के गरिमापूर्ण जीवन यापन, अच्छे स्वास्थ, सुविधापूर्ण ट्रांसपोर्ट व्यवस्था,स्वच्छ जल, डिफाइंड पेंशन के हित को लेकर मांग की जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार पेंशन का निजीकरण नहीं करें।
नई पेंशन व्यवस्था (एनपीएस) को अविलंब समाप्त कर देना चाहिए। नई पेंशन नीति को उन्होंने शोषणकारी व्यवस्था कहा। उन्होंने कहा कि केवल कारपोरेट के हितों के लिए काम किया जा रहा हैं। आखिर हम पेंशनर्स कहा जायेगे। यूपीएस के नाम से जो पेंशन की नई व्यवस्था लागू की जा रही है ,वो भी शोषण मुक्त नहीं हैं।
कर्मचारी और विभिन्न पेंशनर्स संगठनों ने भी इसका विरोध किया हैं। इस विरोध में उन्होंने साफ कहा कि हम आज के दिन इस शोषणकारी पेंशन व्यवस्था का विरोध करते हैं। जिसके बाद विरोध कर रहे विभन्न संगठनों ने केंद्रीय और राज्य सरकारों से अपने कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को ओपीएस की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग उठायी। वहीं, पेंशर्न्स दिवस पर डी राय व्यथित, गौतम विश्वास और त्रिवेणी ठाकुर समेत अन्य ने अपने विचारों को साझा किया। अंतर्राष्ट्रीय पेंशन दिवस में बी बारा, हसीना तिग्गा, रामचंद्र प्रसाद,जयनारायण प्रसाद, मो रफी, त्रिलोकी नाथ साहू, सुखदेव राम ,रमेश सिंह, सुशीला कुजूर, रमेश काशी, धनेश्वर गोस्वामी, शिबू पहन, जयप्रकाश, जयराम प्रसाद समेत अन्य उपस्थित थे।