24वें कारगिल विजय दिवस पर लद्दाख के द्रास में युद्ध स्मारक पर मुख्य समारोह आयोजित किया गया है। वर्ष 1999 में आज ही के दिन भारत ने दुनिया के सबसे दुर्गम युद्ध क्षेत्रों में एक द्रास में पाकिस्तान को खदेड़ कर कारगिल युद्ध में जीत हासिल की थी। आज भारत इस जीत का जश्न मना रहा है। द्रास में आयोजित समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए । इस दौरान उन्होंने देश के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दीं। साथ ही, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने द्रास में कारगिल युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।
लद्दाख के द्रास में आयोजित समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कारगिल युद्ध भारत के ऊपर एक थोपा गया युद्ध था। उस समय देश ने पाकिस्तान से बातचीत के माध्यम से मुद्दों को सुलझाने का प्रयास किया। खुद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी ने पाकिस्तान की यात्रा कर कश्मीर समेत अन्य मुद्दों को सुलझाने का प्रयास किया था। लेकिन पाकिस्तान ने भारत पीठ में खंजर घोंप दिया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज कारगिल विजय दिवस पर, आप सभी के बीच उपस्थित होकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। सबसे पहले मैं, भारत माता के उन जांबाज सपूतों को नमन करता हूं। जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। मैं उन वीर सपूतों को नमन करता हूं। जिन्होंने राष्ट्र को सर्वप्रथम रखा और उसके लिए अपने प्राणों की आहुति देने से भी पीछे नहीं हटे। उन्होंने कहा कि भारत मां के ललाट की रक्षा के लिए 1999 में कारगिल की चोटी पर देश के सैनिकों ने वीरता का जो प्रदर्शन किया। जो शौर्य दिखाया। वह इतिहास में हमेशा स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा। ।
कारगिल विजय दिवस पर द्रास में शहीदों के परिवार से मिले राजनाथ
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