पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र का ये सदन में आतंकी हमला हुआ। यह हमारी जीवात्मा पर हमला था, ये देश कभी उसे भूल नहीं सकता। जिन्होंने सदस्यों को बचाने के लिए अपने सीने पर गोलियां झेलीं, आज मैं उनकों भी नमन करता हूं। आज जब हम इस सदन को छोड़ रहे हैं तो मैं उन पत्रकारों को भी नमन करता हूं, जिन्होंने यहां की पल-पल की जानकारी देश को उपलब्ध कराई। उनका सामर्थ्य था कि वह अंदर की बात भी पहुंचाते थे और अंदर के अंदर की बात भी पहुंचाते थे। भारत की विकास यात्रा को सदन के माध्यम से समझाने की कोशिश की। आज उनके लोकतंत्र की महत्वपूर्ण ताकत बनने को याद करने का भी समय है।ये बाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद के विशेष सत्र में पहले दिन कही। संसद में आजादी के बाद 75 साल की उपलब्धियों पर चर्चा जारी है। पीएम मोदी ने सबसे पहले संसदीय यात्रा की शुरुआत, उपलब्धियां, अनुभव, स्मृतियां और उनसे मिली सीख के मुद्दे पर लोकसभा में संबोधन दिया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने आज संसद के सत्र के शुरू होने से पहले बड़ा संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि इस सत्र में कुछ बड़े फैसले होंगे। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने संसद में काम करने वाले कर्मियों का भी शुक्रिया जताया। उन्होंने कहा, हम जनप्रतिनिधि अपनी-अपनी भूमिका निभाते हैं,लेकिन हमारे बीच एक टोली भी बैठती है, जिनकी भी कई पीढ़ियां बदल गई। जो हमें कागज पत्र पकड़ाने के लिए दौड़ते हैं। इनके काम ने भी सदन के कार्य में गुणवत्ता लाने में अहम भूमिका निभाई और मैं हृदय से उनका अभिनंदन करता हूं।
उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू के कार्यकाल के दौरान जब बाबा साहब भीमराव अंबेडकर मंत्री थे तो, देश में बेस्ट प्रैक्टिस को लागू करने की दिशा में बहुत काम हुआ। अंबेडकर हमेशा कहते थे कि देश में सामाजिक समानता के लिए देश में औद्योगिकीकरण होना बेहद जरूरी है। उस समय जो उद्योग नीति लाई गई थी, वो आज भी उदाहरण है। ये सदन हमेशा इसी बात का ऋणी रहेगा कि मतदान की उम्र 21 से 18 करने का फैसला किया गया। इसी सदन ने गठबंधन की सरकारें देखीं। पीएम मोदी ने कहा कि इसी सदन में न्यूक्लियर समझौते पर अंतिम मुहर लगी और इसी सदन में आर्टिकल 370, वन पेंशन वन टैक्स, जीएसटी, वन रैंक-वन पेंशन भी में देखा। गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला भी यहीं हुआ। भारत के लोकतंत्र में तमाम उतार-चढ़ाव हमने देखे हैं। यह सदन की लोकतंत्र की ताकत हैं, जो लोकतंत्र के साक्षी हैं। पीएम मोदी ने कहा कि वर्तमान सांसदों के लिए यह विशेष सौभाग्य का अवसर है। क्योंकि हमें इतिहास और भविष्य दोनों की कड़ी बनने का अवसर मिल रहा है। जिसमें कल और आज से जुड़ने का अवसर मिल रहा है। नई उमंग, नए उत्साह से हम यहां से विदा लेने वाले हैं।