झारखंड हाईकोर्ट में सोमवार को चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में गैरमजरूआ सरकारी जमीन, कैसर ई हिंद, एसटी जमीन को भी अधिकारियों की मिलीभगत से रजिस्ट्री और म्यूटेशन कराने के मामले की जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा ने इसे दायर किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार के रेवेन्यू सेक्रेटरी, रांची डीसी सहित अन्य प्रतिवादी को शपथ पत्र के माध्यम से 2 सप्ताह के अंदर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। इन जवाब पर प्रार्थी को अपना प्रत्युत्तर 1 सप्ताह में देने को कहा है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद होगी। याचिकाकर्ता ने याचिका के माध्यम से अदालत को बताया कि राजधानी रांची के कई सीओ सब रजिस्टार सहित धनबाद देवघर एवं अन्य जिले के अधिकारियों ने मिलीभगत कर सरकारी जमीन रजिस्ट्री करा दी है। उन्होंने सभी अधिकारियों की आय से अधिक संपत्ति की भी जांच करने की मांग की है। याचिका में राजधानी रांची के नामकुम सीओ, कांके सीओ समेत एक दर्जन सर्किल ऑफिसर को प्रतिवादी बनाया गया है। वही रांची, खूंटी, गिरिडीह, देवघर, जमशेदपुर, धनबाद समेत अन्य जिलों के सब रजिस्टार को भी प्रतिवादी बनाया गया है।