झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को राज्य सरकार द्वारा धार्मिक न्यास बोर्ड के नए अधिकारी नियुक्त किए जाने के बाद धार्मिक न्यास बोर्ड ने पहाड़ी मंदिर और रांची में मेन रोड स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर के पूर्व से चल रहे प्रबंधन समिति को भंग कर नई समिति बनाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने मामले में राज्य सरकार और नई कमेटी से जवाब तलब किया है। इस मामले की फाइनल सुनवाई के लिए 11 जनवरी की तिथि निर्धारित की गई है। वही, इस बीच जवाब पेश करने को कहा है।अदालत ने यह जानना चाहा है कि धार्मिक न्यास बोर्ड द्वारा नई कमेटी जो बनाई गई है, उससे डीसी और एसडीओ को किस क्षेत्राधिकार के तहत हटाया गया है। मामले की सुनवाई जस्टिस डॉ एसएन पाठक की अदालत में हुई। मामले में धार्मिक न्यास बोर्ड की ओर से शपथ पत्र दायर किया गया। साथ ही अंतरिम आदेश को लेकर दायर आईए याचिका पर सुनवाई कोर्ट में हुई।
मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता अभय मिश्रा ने अदालत को बताया कि नई कमेटी द्वारा मंदिर का दान पेटी खोला गया है। जिसमें कितने पैसे निकले, इसका सही-सही कोई जानकारी कहीं नहीं दी गई है। बगैर सरकारी अधिकारी के दान पेटी खोलना गैर कानूनी है। नई कमेटी के द्वारा गैर कानूनी तरीके से कार्य किया जा रहा है। इसलिए इस कमेटी को कार्य करने पर रोक लगा दी जाए । अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई में फाइनल सुनवाई कर आदेश पारित किया जाएगा। प्रार्थी की ओर से याचिका के माध्यम से कहा गया है कि वर्ष 1993 से चल रहे प्रबंध समिति को अचानक भंग किया जाना न्याय संगत नहीं है। इसलिए उस आदेश को रद्द कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि बोर्ड के द्वारा जो प्रबंधन समिति को नोटिस जारी कर उसे भंग किया गया है। उसमें कहा गया है कि हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड के धारा 29 का उपयोग करते हुए प्रबंध समिति को भंग कर नए प्रबंध समिति का गठन किया गया है। वही, प्रार्थी ने धार्मिक न्यास बोर्ड की नोटिस को नौ सितंबर को चुनौती दी है।