केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार ( 3 अगस्त) को लोकसभा में डाटा प्रोटेक्शन बिल 2023 पेश किया। लोकसभा में ध्वनि मत के माध्यम से इस बिल को पेश किया गया है। विपक्षी सांसदों ने प्रस्तावित कानून की शुरुआत पर आपत्ति जताई और इसे संसदीय समिति के पास भेजने की मांग की। बता दें कि इस बिल को पहले ही केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। नए डाटा प्रोटेक्शन बिल से सोशल मीडिया कंपनियों की मनमानी पर लगाम लग सकेगी।
उल्लंघन पर लगेगा 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार 3 अगस्त को को नई दिल्ली में संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल, 2023 (DPDP) पेश किया। नए डाटा प्रोटेक्शन बिल से सोशल मीडिया कंपनियों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी और उनकी मनमानी भी कम होगी। नए डाटा प्रोटेक्शन बिल 2023 के अनुसार, यूजर्स के डिजिटल डाटा का दुरुपयोग करने वाली या उनकी सुरक्षा करने में विफल रहने वाली संस्थाओं को 250 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
नियमों का उल्लंघन करने वाली इकाई पर अधिकतम 250 करोड़ रुपये और न्यूनतम 50 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। नया बिल डाटा को संभालने और संसाधित करने वाली संस्थाओं के दायित्वों के साथ-साथ व्यक्तियों के अधिकारों को भी निर्धारित करता है। नए बिल के अनुसार, “बनाए गए नियम में इस अधिनियम या इसके प्रावधानों के तहत अच्छे विश्वास में किए गए या किए जाने वाले किसी भी काम के लिए केंद्र सरकार, बोर्ड, उसके अध्यक्ष और उसके किसी भी सदस्य, अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कोई मुकदमा, अभियोजन या अन्य कानूनी कार्यवाही नहीं की जाएगी।” विधेयक के तहत, केंद्र सरकार को बोर्ड से लिखित संदर्भ प्राप्त करने पर आम जनता के हित में कंटेंट को ब्लॉक करने का अधिकार भी मिलता है।
नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा बिल- राजीव चंद्रशेखर
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि संसद द्वारा पारित होने के बाद यह विधेयक सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा, इनोवेशन इकोनॉमी को विस्तार करने में मदद करेगा और राष्ट्रीय सुरक्षा और महामारी और भूकंप आदि जैसी आपात स्थितियों में सरकार की वैध पहुंच की अनुमति देगा।
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