झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने काम पूरा नहीं करने और भुगतान राशि के मामले पर सुनवाई की। दरअसल पूरा मामला पलामू के पांकी प्रखंड में अमानत बराज से जुड़ा है। जिसमें बिना काम पूरा किए पैसे की निकासी और भीम बराज के बिना कार्य पूरा किए राज्य की हिस्सेदारी से अधिक राशि का भुगतान किए जाने की जांच कराए जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने प्रार्थी के अधिवक्ता को निर्माण कार्य कर रहे कंपनी हार्डवेयर टूल्स एंड मिशनरी प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी को फिर से नोटिस सर्व का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी। इस मामले में सुदामा राय ने जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राम सुभाग सिंह ने बताया कि निर्माण कार्य कर रहे यह कंपनी अधिकारी के मिलीभगत से अमानत अली बराज का बिना काम पूरा किए हुए पूरी राशि की निकासी कर लिया है। वही भीम बराज जो बिहार और झारखंड सरकार के सहयोग से बन रहा है इसमें भी बिना काम पूरा किए हुए निर्माण के 90% राशि का भुगतान कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि 30 करोड़ की लागत से बन रही बराज में 90% बिहार का देनदारी था यानी कि 27 करोड रुपया बिहार सरकार देता, लेकिन झारखंड सरकार के अधिकारी ने ही 27 करोड़ का भुगतान कर दिया है। जबकि झारखंड सरकार को 10% का ही भुगतान करना था यानी कि 3 करोड़ की राशि देनी थी।