झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत में शुक्रवार को ईडी के अधिकारियों के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज प्राथमिकी को सीबीआई अथवा अन्य स्वतंत्र एजेंसी को देने का आग्रह करनेवाली प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पक्ष रखा गया। इसके बाद अदालत ने प्रतिवादी हेमंत सोरेन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई की तारीख 10 जून के बाद की निर्धारित की गई है। ईडी के सहायक निदेशक देवव्रत झा की ओर से याचिका दाखिल कर आग्रह किया गया है कि इस मामले में गोंदा थाने की पुलिस ईडी के अधिकारियों को प्रताड़ित करने की कोशिश कर रही है। इसको देखते हुए मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई अथवा अन्य स्वतंत्र एजेंसी को सौंपा जाए।
जानकारी हो कि हेमंत सोरेन द्वारा ईडी अधिकारी के खिलाफ एससी एसटी थाना में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग को लेकर ईडी अधिकारी की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। जिस पर सुनवाई हो रही है। ईडी के अधिवक्ता ने अदालत द्वारा पूर्व में दिए गए अंतरिम राहत को अगले आदेश तक बढ़ाने का आग्रह किया। जिसके बाद अदालत ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए अंतरिम राहत को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया। बता दें की हेमंत सोरेन ने रांची के एससी-एसटी थाने में ईडी के अधिकारी कपिल राज, देवव्रत झा, अनुपम कुमार, अमन पटेल समेत अन्य अज्ञात के विरुद्ध 31 जनवरी को एससी-एसटी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
प्राथमिकी में कहा गया है कि ईडी के अधिकारियों ने उन्हें 29 से 31 जनवरी तक रांची में रहने के लिए कहा था। और इसी बीच उनके दिल्ली स्थित आवास पर उनकी अनुपस्थिति में बिना पूर्व सूचना के छापेमारी कर दी। वे अनुसूचित जनजाति से आते हैं, लेकिन ईडी के उक्त अधिकारियों में एक भी अधिकारी एससी-एसटी से संबंधित नहीं था। ईडी ने उसी दिन पूछताछ के दौरान ईडी ने हेमंत सोरेन को देर रात गिरफ्तार किया था। अगले दिन एक फरवरी को कोर्ट में पेश किया गया था। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था। तब से वह जेल में हैं।
For more Visit – WWW.Aankhodekhitv.co.in