मामला जजे बोर्ड समेत अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर रिक्त पदों का
झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में शुक्रवार को किशोर न्याय बोर्ड (जेजे बोर्ड), बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) व राज्य बाल संरक्षण आयोग में रिक्त पदों को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान पूर्व के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई। मामले में 30 जून 2023 के आदेश का अनुपालन करने के लिए राज्य सरकार ने कोर्ट से समय की मांग की। सरकार की ओर से बताया गया कि जमशेदपुर में जेजे बोर्ड में स्थायी प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट नियुक्ति का मामला कैबिनेट से मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई और अगली सुनवाई को महिला बाल विकास विभाग के सचिव को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया। इसके साथ ही अगली सुनवाई की तारीख 22 सितंबर निर्धारित की। यह जनहित याचिका बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से चंदन सिंह ने दाखिल की है।
मामले में सुनवाई के दौरान बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से जगजीत सिंह छाबड़ा हाइब्रिड मोड में कोर्ट से जुड़े। पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को जमशेदपुर में जेजे बोर्ड में स्थायी प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट नियुक्ति के संबंध में निर्णय लेने के लिए माह का समय दिया था। इसके अलावा राज्य के कई जिलों में सीडब्ल्यूसी एवं जेजे बोर्ड में रिक्त पदों को भी एक माह में भरने का निर्देश दिया था। मालूम कि खंडपीठ को पूर्व में बताया गया था कि जेजे बोर्ड व सीडब्ल्यूसी अधिकतर पदों पर नियुक्ति कर दी गयी है, लेकिन अब भी कई पद खाली हैं। वहीं राज्य बाल संरक्षण आयोग में अध्यक्ष व सदस्य का पद कई वर्ष से खाली हैं। पद खाली रहने के कारण आयोग सही तरीके से काम भी नहीं कर पा रहा है।