मौत की सजा के दोषियों के दया याचिकाओं पर बहुत जल्द राष्ट्रपति का फैसला आएगा। दरअसल नए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बिल (बीएनएसएस) 2023 में राष्ट्रपति के फैसलों की न्यायिक समीक्षा को समाप्त करने का प्रस्ताव किया गया है। इसमें संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत मौत की सजा को माफ करने अथवा कम करने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रपति के किसी भी आदेश के खिलाफ अपील का रास्ता को बंद कर दिया गया है। इस स्थिती में अदालत राष्ट्रपति के फैसले की समीक्षा नहीं कर पाएंगी। बीएनएसएस बिल की धारा 473 में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत दिए गए राष्ट्रपति आदेश के खिलाफ किसी भी अदालत में कोई अपील नहीं की जाएगी। यह अंतिम फैसला होगा। वही, राष्ट्रपति के फैसले पर कोई भी सवाल किसी भी अदालत में समीक्षा के लिए नहीं जाएगे। बताते चले कि यह बिल अब सीआरपीसी की जगह लेने जा रहा है।