भारत के विभिन्न राज्यों में अपनी आतंकी योजनाओं और एजेंडे को पुनर्जीवित, आतंकवादी कृत्यों के लिए धन जुटाने समेत अन्य आरोपों में सीपीआई (माओवादी) के प्रयासों से संबंधित एक मामले में एनआईए ने पांच माओवादियों आरोपियों के खिलाफ जांच पूरी करते हुए एनआईए की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। यह चार्जशीट RC-01/2022/NIA-RNC मामले में की गई है।
दाखिल चार्जशीट में सीपीआई (माओवादी) के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस उर्फ किशन दा उर्फ निर्भय उर्फ काजल उर्फ महेश उर्फ किशनजी, सब जोनल कमांडर नुनुचंद महतो उर्फ नुनुलाल महतो उर्फ लखन उर्फ टाइगर उर्फ मुखिया जी उर्फ नेता जी , पोलित ब्यूरो के सदस्य और संगठन के उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो का नेतृत्व कर्ता प्रमोद मिश्रा उर्फ बनबिहारी जी उर्फ नेता जी उर्फ सोहन दा उर्फ डॉक्टर साहब , बीबी जी, बाबा जी उर्फ जनार्दन उर्फ जोनाथन, माओवादी के क्षेत्रीय कमेटी सदस्य दुर्योधन प्रसाद महतो उर्फ मिथिलेश सिंह उर्फ अवधेश उर्फ बड़का दा उर्फ बड़ा बाबू एवं क्षेत्रीय कमेटी सदस्य सह जोनल कमांडर कृष्णा हंसदा उर्फ सौरव दा का नाम शामिल है। एनआईए ने उक्त आरोप में 2022 को मुकदमा किया है। आगे की जांच जारी है।
जाने क्या है आरोप :
चार्जशीटेड आरोपियों पर झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में प्रतिबंधित संगठन की हिंसक विचारधारा का विस्तार, पुनर्जीवित और प्रचार करने के लिए प्रतिबंधित संगठन द्वारा आपराधिक साजिश रचने का आरोप है। सीपीआई (माओवादी) के शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर आरोपियों सक्रिय रूप से कैडरों की भर्ती, आतंकवादी कृत्यों के लिए धन जुटाने, हथियारों और गोला-बारूद की खरीद के साथ-साथ हथियारों को संभालने, फील्ड क्राफ्ट में प्रशिक्षण प्रदान करने में सक्रिय रूप से लगे हुए थे। आईईडी निर्माण और उनका लगाने का भी आरोप है। प्रशांत बोस पर झारखंड विभिन्न थानों में 47, नुनुचंद महतो पर 60, दुर्योधन प्रसाद महतो पर 77, कृष्णा हांसदा पर 37 और प्रमोद मिश्रा पर बिहार व झारखंड में 47 आपराधिक मामले दर्ज है।