नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी को बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने के मामले में दाखिल जनहित याचिका पर मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सरकार के जवाब से असंतुष्टी जाहिर करते हुए गृह सचिव को तलब किया है। अदालत ने बुधवार को गृह विभाग के प्रधान सचिव को अदालत में ऑनलाइन उपस्थित होने का निर्देश दिया है। इससे पहले राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पास पुलिस आउटपोस्ट निर्माण के लिए 1.62 करोड़ स्वीकृत किया गया है। इसके अलावा लॉ यूनिवर्सिटी के खाली जगह पर चहारदीवाली भी बनाया जाएगा।
पिछली सुनवाई में अदालत ने राज्य सरकार से पूछा था कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पास पुलिस पोस्ट के लिए 30 डिसमिल जमीन सरकार ने मुहैया कराई है, तो उसपर पुलिस पोस्ट का निर्माण क्यों नहीं कराया जा रहा है। उसके बगल में बिजली सब स्टेशन का निर्माण तो कर दिया गया है लेकिन इसे अभी तक चालू नहीं किया गया है। वहां बिजली क्यों नहीं दी जा रही है। अदालत ने कहा था कि सामने वाली छह एकड़ जमीन सरकार ने यूनिवर्सिटी को दी है तो उसपर चारदीवारी बनाई जाएगी या नहीं। इस पर सरकार की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। बता दें कि बार एसोसिएशन की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गई है। जिसमें नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी को आवश्यक सुविधा उपलब्ध करने का आग्रह किया गया है।