जेपीएससी प्रथम नियुक्ति परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर सीबीआई ने शनिवार को सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसमें कुल 37 लोगों को आरोपी बनाया गया है। जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ दिलीप प्रसाद , वरिय सदस्य गोपाल प्रसाद सिंह सदस्य शांति देवी परीक्षा नियंत्रक एलिस उषा रानी, राधा गोविंद नागेश के साथ 30 पदाधिकारी का नाम चार्जशीट में है। जो वर्तमान में कहीं ना कहीं राज्य के जिलों में पद स्थापित है।
दरअसल परीक्षा में गड़बड़ी की सीबीआई जांच 12 साल से अधिक समय से चल रही है। लेकिन यह अभी तक पूरी नहीं हुई। इसे लेकर झारखंड हाईकोर्ट में कई बार सुनवाई भी हुई है। वहीं, अदालत ने जांच में हो रही देरी को लेकर सीबीआई से जवाब तलब भी किया है। हालांकि, जांच एजेंसी पहले मामले की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर चुकी है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल प्रथम और द्वितीय जेपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में गड़बड़ी का मामला सामने आया था। इस मामले को लेकर झारखंड हाईकोर्ट ने 2012 को सीबीआई जांच का आदेश दिया। जिसके बाद परीक्षा में नियुक्त पदाधिकारियों के वेतनमान पर रोक लगा दिया गया था। बाद में हाईकोर्ट के इस फैसले को चुनौती दी गयी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए इस फैसले को पलट दिया।
बुद्धदेव उरांव द्वारा दायर याचिका में हो रही सुनवाई
कुछ दिन पहले हुई सुनवाई में झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इस मामले को दूसरे सक्षम बेंच में भेजने का निर्देश दिया था। बुद्धदेव उरांव द्वारा दायर जनहित याचिका में अप्रैल में हुई सुनवाई के दौरान बताया गया कि 12 साल से अधिक बीत जाने के बाद भी सीबीआई ने जांच प्रक्रिया पूरी नहीं की। और ना ही इस मामले में आरोप पत्र दायर किया है। जिस पर सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि गड़बड़ी मामले की जांच अब तक जारी है।
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