राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि झारखंड निर्माण के 24 साल पूरे होने वाले हैं। वहीं, अब आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी की जा रही हैं। इन ढाई दशक के बाद भी हम झारखंडी मूलवासी सदानों को उनका हक और अधिकार नहीं मिल सका हैं। दरअसल मूलवासी सदान मोर्चा के बैनर तले बुधवार को बैठक हुई। जहां मोर्चा के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद ने आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति के मद्देनजर बैठक की। इस दौरान संगठन से जुड़े सदस्यों ने आगामी विधानसभा चुनाव, मूलवासी सदानों के हक, अधिकार और सम्मान को लेकर मंथन किया।
मोर्चा के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि झारखंड के सभी राजनीतिक दलों ने बारी बारी से शासन किया। आदिवासी और मूलवासी सदानों के विकास को लेकर बड़ी बड़ी बातें भी कही। मुख्यमंत्रियों ने घोषणाएं की, लेकिन एक विशेष वर्ग को छोड़कर मूलवासी सदानों के सर्वांगीण विकास के लिए कोई नीति, रीति और योजना नहीं बनायी जा सकी। केवल आश्वासन का खुराक ही 2000 साल से दिया जा रहा हैं।
स्थिती तो ऐसी है कि पूरे राज्य को अलग -अलग जातियों में बांटकर सत्ता की राजनीति करने वाले सभी दलों ने मूलवासी सदानों को ठगा है। आखिर हम सदान कबतक उपेक्षित रहेंगे।
उन्होंने कहा कि झारखंड में जल्द ही विधानसभा के चुनाव होनेवाले हैं। राष्ट्रीय दलों के नेता भी सिर्फ एक विशेष वर्ग की ही बात कर रहें हैं। जबकि उन नेताओं को 65 प्रतिशत मूलवासी सदानों के लिए आवाज उठाने वाले लोगों से भी बात करना चाहिए। जिन विधानसभा क्षेत्रों में मूलवासी सदान समुदायों की जितनी आबादी है उस हिसाब से ही उनकी भागीदारी मिली चाहिए।
मोर्चा के डॉ युगेश प्रजापति ने कहा कि चुनाव लड़ने वाले राजनीतिक दल मूलवासी सदानों के हक, अधिकार और सम्मान के लिए अपने एजेंडा, योजना और कार्यसूची में कोई दृष्टिकोण पेश करें। अगर ऐसा नहीं हुआ तो, सदान भी चुनाव में अपना फैसला स्वतंत्र रूप से लेने को बाध्य होंगे। प्रो अरविंद प्रसाद ने कहा कि राष्ट्रीय दलों को सदानी नेताओं को भी टिकट देना चाहिए। वैसे सदानी जो अलग झारखंड राज्य के लिए संघर्ष और स्थानीय एवं नियोजन नीति के लिए लगातार लड़ते रहे हैं। इससे पूर प्रदेश भर में जनता के बीच एक सकारात्मक संदेश जायेगा। बैठक में डॉ संजय सारंगी, अमित साहू, विशाल सिंह, विशाल कुमार साहू, मोहित कुमार, मुकेश सिंह, मुरारी गुप्ता, राजू पासवान, राज वर्मा, अंकित राम, अर्पित राम, निखिल, सहदेव साहू, आलोक वर्मा समेत अन्य मोर्चा के सदस्य उपस्थित थे।