आईपीसी की जगह लेने वाले प्रस्तावित भारतीय न्याय संहिता कानून में कई ऐसी धाराएं शामिल की गई हैं, जिसका प्रावधान करने को लेकर कई सालों से मांग उठ रही थी। उसी में शामिल है, पेपर लीक और अपहरण जैसे अपराध। अब इन जैसे अपराधिक मामलों पर कठोर सजा दी जाएगी। जानिए इस रिपोर्ट से आखिर क्या हुए है बदलाव ।
हवाला लेनदेन पर उम्र कैद तक की सजा
इस धारा में आर्थिक अपराध भी शामिल किया गया हैं। जिनमें आपराधिक विश्वासघात भी शामिल है। जालसाजी, वित्तीय घोटाले, बड़े पैमाने पर विपणन धोखाधड़ी अथवा बहु-स्तरीय विपणन योजनाएं और मौद्रिक लाभ प्राप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर लोगों को धोखा देने या किसी भी रूप में बड़े पैमाने पर संगठित सट्टेबाजी, मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला लेनदेन को भी इसमें शामिल किया गया है। प्रावधान में इस धारा के तहत दोषियों को न्यूनतम पांच साल की जेल की सजा का प्रस्ताव है, और जिसे कम से कम 5 लाख रुपये के जुर्माने के साथ आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है।
पेपर लीक पर 7 साल तक कैद
अब एटीएम चोरी, प्रश्न पत्र लीक करना (पेपर लीक), दुकान में चोरी, कार चोरी और कार से कीमती सामान चुराना जैसे संगठित अपराधों को इस नए प्रस्तावित कानून में शामिल किया गया है। इसके लिए विशिष्ट धारा बनाई गई है। जिसमें दोषी को जुर्माने के साथ एक से 7 साल तक की जेल की सजा हो सकती है।
संगठित अपराध की नई परिभाषा
बीएनएस में ‘संगठित अपराध सिंडिकेट’ को परिभाषित किया गया है। जिसका अर्थ है एक आपराधिक संगठन या तीन या अधिक व्यक्तियों का समूह, जो सामूहिक रूप से एक सिंडिकेट, गिरोह, माफिया या गिरोह के रूप में एक या अधिक गंभीर कृत्यों में लिप्त होते हैं।
छीना-झपटी और टिकटों की अवैध बिक्री के लिए प्रावधान
एटीएम चोरी और प्रश्नपत्रों के लीक होने को अक्सर आईपीसी की धारा 378 के तहत चोरी के व्यापक शीर्षक के अंतर्गत रखा गया है। जिसमें चोरियां, सूर्यास्त के बाद घर में तोड़-फोड़ होती है, आईपीसी की धारा 446 के तहत आती हैं। इसके अलावा संगठित जेब कतरे, छीना-झपटी, दुकान से चोरी या कार्ड स्किमिंग और एटीएम चोरी अथवा सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में गैरकानूनी तरीके से धन प्राप्त करना या टिकटों की अवैध बिक्री और परीक्षा प्रश्नपत्रों की बिक्री और संगठित अपराध के ऐसे अन्य सामान्य रूप जो संगठित आपराधिक समूहों द्वारा किए जाते हैं, वो इसमें शामिल होंगे। इसमें दोषी पाए जाने वालों को जुर्माने के अलावा एक से सात साल तक की कैद की सजा दी जाती है।
डकैती, चोरी पर लगाम
इसके अलावा बीएनएस की धारा 109 प्रदान के तहत अपहरण, डकैती, वाहन चोरी, जबरन वसूली, भूमि पर कब्जा, कॉन्ट्रैक्ट किलिंग, आर्थिक अपराध, गंभीर परिणाम वाले साइबर अपराध, मानव तस्करी, ड्रग्स, अवैध सामान या सेवाओं और हथियारों सहित कोई भी गैरकानूनी गतिविधि को परिभाषित किया गया है।