झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश सह झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने नाबालिक के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर संज्ञान लिया है। उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकार रांची को आदेश दिया है कि तत्काल दुष्कर्म की पीड़ित और उनके परिवार से मिलकर जरुरी सहायता प्रदान करें।
इस आदेश के आलोक में न्यायायुक्त-सह-अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार रांची दिवाकर पांडे ने जिला विधिक सेवा प्राधिकार रांची के सचिव को दुष्कर्म की पीड़ित युवती को हर संभव मदद पहुंचाने का निर्देश दिया। इस निर्देश के आलोक में डालसा सचिव राकेश रंजन ने अविलम्ब एक टीम गठित कर स्वयं टीम के साथ रविवार को बाजरा स्थित पीड़िता के घर पहुंचे। और पीड़िता की मां को विधिक सहायता और हरसंभव मदद करने के बात कही। इसके बाद नियम अनुसार मुआवजा देेने की प्रक्रिया के बारे में बताया।
वही, पीड़िता के परिवार से मिलने के बाद डालसा की टीम रातू थाना जाकर डीएसपी से मिले। इस दौरान केस से संबंधित जानकारी जल्द से जल्द न्यायालय में प्रस्तुत करने के साथ ही पीड़िता के सबंध में जानकारी हासिल की। इन सब के बाद टीम में शामिल सदस्य सिरमटोली स्थित प्रेमाश्रय पहुंचकर पीड़ित से मिले। इस दौरान स्वस्थ संबंधी पूछताछ कर डॉक्टरों को जरुरी दिशा निर्देश दिये गये। डालसा टीम मेंं सचिव राकेश रंजन , पीएलवी पुष्पलता देवी और संगीता देवी शामिल थी। मालूम हो कि 13 अप्रैल 2024 को पांच युवको ने जतरा देखने गयी नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था।
झारखंड पीड़ित मुआवजा अधिनियम की प्रक्रिया शुरु
डालसा सचिव ने पीड़िता को झारखंड पीड़ित मुआवजा अधिनियम के अंतर्गत मुआवजा देने को लेकर प्रक्रिया शुरु कर दी है। पीड़ित के सपोर्ट पर्सन के रूप में पीएलवी संगीता देवी को नामित किया गया है। जो न्यायालय की प्रक्रिया में पीड़ित के साथ रह कर सहायता करेगी। अधिवक्ता के रूप मे ममता श्रीवास्तव को नामित किया गया है। जिसके तहत ममता न्यायालय में पीड़ित का पक्ष रखेंगी।