झारखंड सरकार में ग्रमीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस विधायक दल के नेता के पद से भी त्याग पत्र दे दी है। इस बाबत उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र भेजा है। इस मामले को लेकर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने पुष्टी कर दी है। दरअसल दो दिन पहले (7 जून) को मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने मंत्री आलमगीर आलम के ग्रामीण विकास, संसदीय कार्य, ग्रामीण कार्य और पंचायती राज विभाग अपने पास वापस ले लिया था। जिसके बाद से मंत्री आलमगीर आलम के इस्तीफा के कयास लगाये जा रहे
क्या है मामला
ईडी ने मंत्री आलमगीर आलम को पीएस संजीव लाल के ठिकानों से मिले 32 करोड़ 20 लाख रुपये कैश मामले में पूछताछ के लिए समन किया था। ईडी ने इस जांच में कई गड़बड़ियां पकड़ी हैं। जिसमें टेंडर मैनेज करने से लेकर कमीशन तक के खेल में मंत्री आलमगीर आलम की संलिप्तता बताई जा रही है। जिसको लेकर 14 मई को तरीबन नौ घंटे की पूछताछ के बाद फिर से दूसरे दिन 15 मई को उन्हें बुलाया गया था। वहीं, ईडी ने संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के बाद 15 मई की देर शाम आलमगीर आलम को पूछताछ के दौरान ही गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि पूछताछ के दौरान इस पूरे मामले में मंत्री खुद को निर्दोष बताते रहे हैं।
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